बाढ़ आपदा भी केरल में ओणम त्योहार की धूम कम न कर सकी

तिरुवनंतपुरम (ईएमएस)। बाढ़ आपदा भी केरल में ओणम त्योहार की धूम को कम न कर सकी। लोगों में ओणम त्योहार को लेकर जबर्दस्त उत्साह और खुशी है तथा सुबह से ही यहां के मंदिरों में काफी भीड़ देखी जा रही है। गुरुवायूर के श्रीकृष्णा और श्री पद्मनाभा स्वामी मंदिर और अरानमुला के श्री पार्थसारथी मंदिर में दर्शनार्थियों की जबर्दस्त भीड़ है। गौरतलब है कि विनाशकारी बाढ़ को देखते हुए राज्य सरकार ने पहले ही ओणम के मौके पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम रद्द कर दिये हैं और सरकारी मशीनरी राहत तथा बचाव कार्यों में लगी हुई है। राज्य के विभिन्न जिलों के हजारों राहत शिविरों में अभी भी आठ लाख से अधिक लोग रह रहे हैं। मगर इस प्राकृतिक हादसे के बाद भी लोगों में पारंपरिक त्योहार को मनाने का जज्बा बरकरार है और पौराणिक राजा महाबलि की याद में मनाए जाने वाले तिरुओणम को मनाने के लिए अनेक मंदिरों में लोगों की काफी भीड़ है।
केरल में ओणम महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है और यह मलयालम माह छिंगम में वर्षा काल की समाप्ति तथा फसली सीजन की शुरुआत का प्रतीक है। अंग्रेजी कलेंडर के मुताबिक यह पर्व अगस्त-सितंबर में आता है। इस साल अलापुजहा पलक्कड़ और राज्य में अनेक स्थानों में हुई जोरदार बारिश से खेती तबाह हो गयी है। राज्य सरकार ने भारी बारिश के बाद आई बाढ़ के चलते विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे नौका दौड़, सजे-धजे हाथियों के जुलूस, आतिशबाजी, कथकली और मोहिनीअट्टम नृत्य रद्द कर दिये हैं। पर्यटन विभाग की ओर से संचालित एक हफ्ते की अवधि वाले ओणम कार्यक्रमों को पहली बार राजधानी में रद्द किया गया है। ओणम के मौके पर राज्यपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) पी सदाशिवम तथा मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्यवासियों को बधाई दी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *