-काक्स टाउनवासियों ने अपने आराध्य का किया भावभीना अभिनन्दन
-लगभग आठ किलोमीटर का विहार कर आचार्यश्री पहुंचे मुणोत परिवार के निवास स्थान
-गवर्नमेंट तमिल हायर प्राइमरी स्कूल से आचार्यश्री ने स्वयं को जीतने की दी पावन प्रेरणा
-श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य के श्रीचरणों में व्यक्त की अपनी भाव भरी अभिवन्दना
24.06.2019 काक्स टाउन, बेंगलुरु (कर्नाटक): प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत के सबसे अग्रणी केन्द्र बेंगलुरु वर्तमान में आध्यात्मिकता के क्षेत्र में भी मानों अग्रणी बना हुआ है। हो भी क्यों न अध्यात्म जगत के महासूर्य, मानवता के मसीहा, शांतिदूत, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी अपनी धवल सेना के साथ बेंगलुरु महानगर के कोने-कोने को अपने ज्योतिचरण से पावन बनाने के साथ लोगों को अपनी अमृतवाणी से अभिसिंचन प्रदान करते हुए को आध्यात्मिकता से भावित कर रहे हैं। सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति के संदेश ही इनके संकल्प भी आचार्यश्री की वाणी से प्रस्फुटित हो रही है तो सैकड़ों-सैकड़ों लोग इन संकल्पत्रयी को सहर्ष स्वीकार कर अपने जीवन को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं।
आचार्यश्री महाश्रमणजी जिन क्षेत्रों से गुजरते हैं, जैन-अजैन का भेदभाव समाप्त हो जाता है और सद्भावना का व्यापक प्रभाव दिखाई देने लग रहा है। सोमवार को आचार्यश्री महाश्रमणजी ने भारतनगर में स्थित श्री दिलीप सुराणा के निवास स्थान से काक्स टाउन की ओर मंगल प्रस्थान किया। विहार के दौरान आचार्यश्री तीन स्थानकों में भी पधारे। सर्वप्रथम आचार्यश्री गणेशबाग स्थानक में पधारे। जहां विराजित संत विनयमुनिजी ने आचार्यश्री का अभिनन्दन किया। स्थानक में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में आचार्यश्री ने समुपस्थित श्रद्धालुओं को पावन प्रेरणा प्रदान की। इसी प्रकार आचार्यश्री श्रद्धालुओं के विनम्र अनुरोध पर हीराबाग स्थानक व तिम्मया रोड स्थित श्री वर्धमान जैन श्रावक संघ के स्थानक में भी पधारे और श्रद्धालुओं को अपने मंगल उद्बोधन और आशीर्वाद से लाभान्वित किया। आचार्यश्री लगभग आठ किलोमीटर का विहार कर काक्स टाउन स्थित मुणोत परिवार के निवास स्थान में पधारे। अपने घर में अपने आराध्य को पाकर मुणोत परिवार मानों धन्यता की अनुभूति कर रहा था। यहां से कुछ सौ मीटर की दूरी पर गवर्नमेंट तमिल हायर प्राइमरी स्कूल में आज का मुख्य प्रवचन कार्यक्रम समायोजित था।
आचार्यश्री के मुख्य प्रवचन कार्यक्रम में पदार्पण से पूर्व महाश्रमणी साध्वीप्रमुखाजी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को पावन संबोध प्रदान किया। आचार्यश्री के प्रवचन पंडाल में पधारते ही जयकारों से पूरा प्रवचन पंडाल गूंज उठा। आचार्यश्री ने समुपस्थित श्रद्धालुओं को पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए कहा कि एक आदमी योद्धा हो और वह रण में हजारों, लाखों योद्धाओं पर विजय प्राप्त कर लेता है, उससे भी बड़ा योद्धा वह होता है जो स्वयं को जीत लेता है। अध्यात्म जगत में बताया गया कि दूसरों को जीतना तो एकबार आसान हो सकता है, किन्तु स्वयं से स्वयं को जीतना बहुत कठिन कार्य होता है। आदमी अपने भीतर युद्ध करने का प्रयास करना चाहिए और अपने भीतर स्थित कषायों यथा मान, माया, लोभ, गुस्सा, अहंकार, झूठ को जीतने का प्रयास करना चाहिए। जो आदमी अपने भीतर के कषायों को जीत लेता है, वह मानों कभी मोक्ष का भी वरण कर सकता है। आचार्यश्री ने समुपस्थित श्रद्धालुओं को स्वार्थ को छोड़ परमार्थ में भी लगने की पावन प्रेरणा प्रदान की।
मंगल प्रवचन के पश्चात् काक्स टाउन के श्री श्रीचन्द मुणोत, श्री विजय सिंह मुणोत, श्री नवीनत मुथा, श्रीमती राखी गादिया, काक्स टाउन जैन संघ के अध्यक्ष डाॅ. जितेन्द्र जैन, पूर्व विधायक श्री निर्मल सुराणा, श्रीमती श्वेता मुणोत, श्रीमती सुमन सुराणा, श्री पवन चोपड़ा व श्री सदानंद सुराणा ने अपनी आस्थासिक्त अभिव्यक्ति दी। काक्स टाउन जैन महिला मण्डल, क्षेत्रीय महिला मण्डल ने अपने गीतों के माध्यम से आचार्यश्री के श्रीचरणों की अभिवन्दना की। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति के माध्यम से अपनी प्रणति अर्पित की। आचार्यश्री ने काक्स टाउनवासियों को सम्यक्त्व दीक्षा भी प्रदान की।