तिरुवंतपुरम (ईएमएस)। केरल में बाढ़ ने पूरे जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है वहां 20 हज़ार करोड़ के नुकसान का अंदाज़ा है। केरल सरकार ने 2000 करोड़ रुपये जल्द से जल्द जारी करने की मांग की है, लेकिन केंद्र से केरल सरकार को अब तक सिर्फ 600 करोड़ रुपये ही मिले हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा है कि उनकी सरकार नरेगा के तहत 26,000 करोड़ की मांग अलग से करेगी। इधर, राज्य सरकार ने बाढ़ में बरबाद हुए घरों की मरम्मत के लिए एक लाख तक का लोन देने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के दफ़्तर की ओर से इस बारे में ट्वीट किया गया है। सरकार बाढ़ से बर्बाद हुए हुए घरों की मरम्मत के लिए लोन देने की सोच रही है। सीएम पिनाराई विजयन ने सूचना दी है कि घर की महिला प्रमुखों को दिए जाने वाले एक लाख तक के लोन पर ब्याज नहीं लगेगा और ये ब्याज सरकार भरेगी। केरल के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत का सामान ट्रेनों के जरिए भी भेजा जा रहा है। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर इसमें मदद करने केरल के छात्र और कई लोग जुटे। छात्र राहत का सामान ट्रेनों पर लोड करने में भी मदद कर रहे हैं।
केरल में आई बाढ़ को लेकर यूएई की 700 करोड़ की मदद भारत ले या न ले इसे लेकर भारत में बातचीत चल रही है। लेकिन भारत में यूएई के राजदूत अहमद अलबाना का कहना है कि उनकी सरकार की ओर से अब तक मदद के लिए आधिकारिक तौर पर कोई रकम तय ही नहीं की गई है। अलबाना ने कहा कि बाढ़ के बाद अभी हालात का जायज़ा लेकर कितनी मदद की जाए इसका अंदाज़ा लगाया जा रहा है और अंतिम राशि अभी तक तय नहीं की गई है। इस हफ़्ते की शुरुआत में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने कहा था कि अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख़ मोहम्मद बिन जाईद अल नाह्यान ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत में 700 करोड़ की मदद का प्रस्ताव दिया था। वहीं सीपीएम के सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि सिर्फ सीपीआई और केरल के लोग नहीं, बल्कि पूरे देश के लोग ये सवाल कर रहे हैं कि अगर आपके पास वित्तीय मदद नामंज़ूर करने का साहस है, फिर आपको कम से कम अपनी तरफ़ से कुछ करना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जो भी नियम होगा उसके तहत होगा लेकिन केरल के लोगों को दिक्कत नहीं होगी।
2018-08-24