औरंगाबाद (ईएमएस)। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पी रावत ने शुक्रवार को कहा कि निर्वाचन आयोग मतदाता सत्यापन पेपर ऑडिट पर्ची’ (वीवीपैट) मशीनों के 100 प्रतिशत इस्तेमाल के लिए तैयार है। रावत ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में कहा कि 2013 में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि एक मायने में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें) अच्छी है लेकिन मतदाता यह नहीं देख सकते हैं कि उनका वोट उसी उम्मीदवार को गया है, जिसके लिए उन्होंने बटन दबाया था और हमे मतपत्रों की ओर वापस लौटने या पेपर ट्रेल (पर्ची) मुहैया करने का आदेश दिया गया। इसलिए हम सभी चुनावों में सत्यापन पर्ची मशीनें मुहैया करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने 17.5 लाख वीवीपैट मशीनों का आदेश दिया था और उनमें से 10 लाख मशीनें प्राप्त हुई हैं। शेष मशीनें नवंबर तक प्राप्त होंगी और हम वीवीपैट के 100 प्रतिशत इस्तेमाल के लिए तैयार हैं। रावत ने कहा,आमतौर पर आयोग 14 महीने पहले तैयारियां शुरू कर देता है। इसलिए, आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए फरवरी 2018 में काम करना शुरू कर दिया। लोकसभा चुनाव से पूर्व मध्यप्रदेश,राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम (विधानसभाओं) के चुनाव भी होगा।
ईवीएम के बारे में विवाद पर रावत ने ईवीएम का बचाव किया
दरअसल, कुछ विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि इन मशीनों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है और वे मतपत्रों की ओर लौटने की मांग कर रहे हैं। रावत ने कहा कि ईवीएम के बारे में समझ व्यापक नहीं है। इस साल गोंदिया और कैराना उपचुनावों के दौरान पेश आई समस्या के बाद यह कहा गया कि ईवीएम प्रणाली अपना महत्व खो रही है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के गलती करने का अनुपात 0.5 प्रतिशत से लेकर 0.6 प्रतिशत से अधिक नहीं है जो किसी भी मशीन के लिए सामान्य चीज है। उन चुनावों में जो चीज सचमुच में नाकाम हुई वह वीवीपैट मशीनें थी। उन्होंने कहा कि वीवीपैट पूरी तरह से नया और अपरिचित है। यहां तक कि मतदान कराने वाली टीमों को उनके पहली बार इस्तेमाल के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। ईवीएम विशुद्ध रूप से रेडियो, कंप्यूटर या मोबाइल की तरह इलेक्ट्रानिक मशीनें हैं जबकि वीवीपैट एक इलेक्ट्रानिक मैकनिकल मशीन है जिसमें कागज का रोल, इस चलाने वाला एक मोटर, प्रिंट करने और रोल काटने वाली प्रणाली लगी होती है।
सीईसी ने कहा कि वीवीपैट बहुत ही नाजुक मशीन होती है इसका सही तरीके से रखरखाव नहीं करने से यह नाकाम हो सकती है। भारत में अलग तरह की जलवायु है और वीवीपैट में इस्तेमाल किए जाने वाला कागज भी उसके संचालन को निर्धारित करता है। उन्होंने कहा कि आज, मेघालय विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान हो रहा है जहां 33 प्रतिशत वीवीपैट ने काम नहीं किया क्योंकि उसमें जो कागज इस्तेमाल किया गया, वह वहां की आर्द्र जलवायु के लिए उपयुक्त नहीं था। वहीं, पालघर लोकसभा उपचुनाव या पंजाब चुनाव में वीवीपैट को धूप में रख दिया गया जिस वजह से उसका सेंसर सक्रिय हो गया और उसमें गड़बड़ी आ गई। आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के विषय पर उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई पर रावत ने कहा कि आयोग ने एक हलफनामा देकर राजनीति को अपराधीमुक्त बनाने के हर कदम का समर्थन किया है। हमारा मानना है कि दोषी ठहराए गए अपराधियों को चुनाव नहीं लड़ने देना चाहिए।
चुनाव आयोग वीवीपैट के 100 प्रतिशत इस्तेमाल के लिए तैयार: रावत
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