नई दिल्ली (ईएमएस)। सुप्रीम कोर्ट ने आज केरल में आई भयंकर बाढ़ के मद्देनजर मुल्लापेरियार बांध के जलाशय में जलस्तर को 30 अगस्त तक 139 फुट पर बनाए रखने का आज आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र की उस दलील को स्वीकार किया है कि मुल्लापेरियार बांध पर गठित उप-समिति की 23 अगस्त को बैठक हुई थी और उसने तमिलनाडु सरकार से जलाशय में जलस्तर 139 फुट पर बनाए रखने को कहा है। यह जलस्तर न्यायालय द्वारा तय सीमा से दो फुट नीचे है। पीठ ने यह स्पष्ट किया कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वह स्वयं को सीमित रखेगी और कहा कि केरल में आई भयंकर बाढ़ के मद्देनजर जलाशय में जलस्तर को कम करने का फैसला किया है। पीठ द्वारा यह बात कहे जाने से पहले तमिलनाडु सरकार ने आरोप लगाया कि जलस्तर की सीमा तय करने में न्यायालय के फैसले को प्रभावित करने के षड्यंत्र का यह हिस्सा हो सकता है। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 सितंबर की तारीख तय की है। उसने केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और कर्नाटक से इस दौरान जवाब दायर करने को कहा है। केरल सरकार ने न्यायालय को बताया था कि तमिलनाडु सरकार द्वारा मुल्लापेरियार बांध से अचानक पानी छोड़ा जाना भी राज्य में बाढ़ के कारणों में शामिल है। केरल ने कहा कि राज्य की 3.48 करोड़ जनसंख्या का छठवां हिस्सा, करीब 54 लाख लोग इस बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।