मानवता के मसीहा थे आचार्य तुलसी – मुनि श्री रमेशकुमार
चेन्नई। श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी पल्लावरम के तत्वावधान में आचार्य श्री तुलसी का 23 वाॅ महाप्रयाण दिवस समारोह का आयोजन मुनिश्री रमेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में आयोजित हुआ ।
आचार्य श्री तुलसी के बहुमुखी व्यक्तित्व को रेखांकित करते हुए मुनि रमेश कुमार ने कहा– नैतिकता के पुजारी, मानव जाति के अग्रदूत, भारतीय संस्कृति के संरक्षक, आधुनिक भारत के सुकरात, भारतीय दर्शन के व्याख्याता थे आचार्य तुलसी । सचमुच वे मानवता के मसीहा थे । अणुव्रत, प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान जैसे आयामों के द्वारा उन्होंने व्यक्ति, समाज और, राष्ट्र को नई दिशा दिखाई। जैन धर्म को जन धर्म बनाया। आगम सम्पादन, साहित्य सृजन , के द्वारा जिनशासन को शिखरों चढाया। अपेक्षा उनके बताये हुए मार्ग को देशवासी अपनाये ।
मुनि सुबोध कुमार जी ने कहा- आचार्य श्री तुलसी का ने समाज को ऐसा रास्ता बताया जिससे समाज की तस्वीर और तकदीर बदली । अपने क्रांतिकारी कदमों से धर्म को नया स्वरूप प्रदान किया । उनमें साहस कूट कूट कर भरा था । वे महामानव थे ।अपने व्यक्तिव कृतित्व के द्वारा नये नये आयाम देश समाज और धर्मसंघ को दिये।
समारोह के मुख्य अतिथि श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथ ट्रस्ट टिप्पलीकेन के अध्यक्ष गौतम चन्द जी सेठिया ने कहा – संतता से विभूषित वे एक महान संत पुरुष थे। युग की समस्याओं को सूक्ष्मता से समझा और समाहित भी किया । यदि उन्होंने नये मोड़ का प्रादुर्भाव न किया होता तो आज समाज कहाँ होता ? समाज का जितना भी विकास हम आज देख रहे हैं उसमें नये मोड़ की अहं भूमिका है ।
इससे पूर्व महाप्रयाण दिवस समारोह का शुभारंभ मुनि रमेश कुमार जी के महामंत्रोच्चारण से हुआ । तेरापंथ कन्या मंडल पल्लावरम ने तुलसी अष्टकम से मंगलाचरण किया । तेरापंथ सभा के मंत्री मनोहर जी कोठारी ने समाज की ओर से अतिथियों का स्वागत किया । तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्षा प्रियंका कटारिया ने कविता के माध्यम से अपनी भावना व्यक्त की । तेरापंथ युवक परिषद् चैन्नई के उपाध्यक्ष गजेन्द्र जी खाटेड श्रीमती रेखा मरलेचा ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी । तेरापंथ महिला मंडल पल्लावरम की बहिनों ने जपते हैं जपते हैं तुम्हें सदा श्रद्धाभाव से गीत की रोचक प्रस्तुति दी । उपासक मांगीलाल जी पितलिया ने कुशलता पूर्वक संचालन किया । छगनमल जी पिरोधिया ने आभार ज्ञापित किया।