1.ताड़ासन
-दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाकर तनाव भी कम करता है
कैसे करें
-फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं, पैरों के बीच दो इंच की दूरी रखते हुए हाथों को कंधे तक उठाएं
-हथेलियों को सामने रखकर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में गूथें, फिर धीरे से कलाइयों को बाहर की तरफ मोड़ें
-सांस अंदर लेते हुए हाथों को कंधे की सीध में उठाएं और सिर के ऊपर ले जाएं, एड़ियां उठाते हुए पंजों के बल खड़े हो जाएं
-बिना संतुलन खोए या पैरों को हिलाए सामान्य रूप से सांस लें और छोड़ें, 10-15 सेकेंड इस मुद्रा में रहें
-इसके बाद सांस बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे एड़ी जमीन पर ले जाएं, उंगलियां खोलते हुए हाथ नीचे करें और सीधे खड़े हो जाएं
सावधानी
-उच्च रक्तचाप, चक्कर, वर्टिगो या पैरों की नसों में सूजन की शिकायत हो तो ताड़ासन न करें
अन्य फायदे
-रीढ़ संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर, शरीर की मुद्रा भी ठीक रखता है
-जांघ, घुटने और एड़ियां मजबूत बनती हैं, पैरों में लड़खड़ाहट की दिक्कत दूर होती है
2.मंडुकासन
-छाती की मांसपेशियों को खोलता है, जिससे रक्त प्रवाह में धमनियों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता और रक्तचाप कम होता है।
कैसे करें
-फर्श पर घुटनों के बल इस तरह बैठें कि दोनों पैर के अंगुठे आपस में मिले हों
-दोनों हाथों के अंगुठों को अंदर दबाकर मुट्ठी बांधें, मुट्ठी को एक-दूसरे से सटाकर नाभी के पास रखें
-अब सांस बाहर छोड़ते हुए शरीर को धीरे-धीरे आगे की ओर झुकाएं और छाती को घुटने से लगाएं
-थोड़ी देर इस अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सीधे हो जाएं, एक बार में 3 से 5 बार करें अभ्यास
सावधानी
-घुटनों और कमर में दर्द की शिकायत हो या पेट की सर्जरी हुई हो तो मंडुकासन से करें परहेज
अन्य फायदे
-इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देकर ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है
-मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाकर तनाव का स्तर घटाता है
3.कटिचक्रासन
-रक्त प्रवाह सुचारु बनाता है, कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी लाकर हार्ट अटैक से महफूज रखता है
कैसे करें
-फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं, पैरों को कंधे की चौड़ाई जितनी दूरी पर रखें
-हाथों को धीरे-धीरे सामने ले आएं, हथेलियों को एक-दूसरे के सामने रखें
-अब सांस छोड़ते हुए बाईं ओर इस तरह मुड़ें कि दाएं हाथ की हथेली बाएं कंधे को छू जाए
-कुछ देर इसी मुद्रा में रुकें, इसके बाद सांस अंदर लेते हुए धीरे-धीरे सामने की ओर आ जाएं
-अब सांस छोड़ते हुए दाईं ओर इस तरह मुड़ें कि बाएं हाथ की हथेली दाएं कंधे को छू जाए
-कुछ देर इसी मुद्रा में रुकने के बाद सांस अंदर लेते हुए सामने की ओर आएं, हाथ नीचे ले जाएं
सावधानी
-अगर आपके पेट का ऑपरेशन हुआ है या आपको स्लिप डिस्क की शिकायत है तो इस आसन का अभ्यास न करें
अन्य फायदे
-कमर और उसके आसपास के हिस्सों में जमी चर्बी घटाने में असरदार
-रीढ़ को लचीला बनाए, कब्ज की समस्या दूर करे, ब्लड शुगर नियंत्रित रखे
4.वज्रासन
-स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ का स्राव घटाकर रक्त प्रवाह को सुचारु बनाता है, हृदयगति भी नियंत्रित रखता है
कैसे करें
-फर्श पर दोनों पैर सामने की ओर फैलाकर सीधे बैठें
-दोनों हाथों को कुल्हों के पास ले जाकर फर्श पर टिकाएं
-ध्यान रखें, इस दौरान शरीर का पूरा भार हाथों पर न आए
-अब पहले दायां, फिर बायां पैर मोड़कर कूल्हे के नीचे रखें
-सुनिश्चित करें कि दोनों जांघें और पैर के अंगुठे आपस में सटे हों
-अब दोनों हाथों को घुटनों पर रखें, ठोड़ी फर्श के समानांतर होनी चाहिए
-इसके बाद रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें
-आंखें बंद कर सामान्य रूप से सांस लें और छोड़ें, 5-10 मिनट इसी मुद्रा में रहें
-इसके बाद शरीर को दाईं ओर झुकाते हुए बाएं पैर को और बाईं ओर झुकाते हुए दाएं पैर को आगे करें
सावधानी
-घुटनों में दर्द झेल रहे या टखने में चोट लगी हो तो वज्रासन न करें, बवासीर के मरीज भी बचें
अन्य फायदे
-जांघों और पिंडलियों की नसें-मांसपेशियां मजबूत बनती हैं
-पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है, पीठ-पैर दर्द में आराम मिलता है
-रीढ़ की हड्डी सीधी रखने में सहायक, एकाग्रता भी बढ़ाता है