नई दिल्ली, एएनआइ। सुप्रीम कोर्ट ने निजी हज टूर ऑपरेटरों की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके सोमवार तक जवाब मांगा है। सर्वोच्च अदालत अब इस मामले में सोमवार को सुनवाई करेगी। इस याचिका में निजी हज टूर ऑपरेटरों ने कहा है कि नई हज नीति में लोगों को सरकारी दरों पर यात्रा कराने से उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा।
बता दें कि इस बार हज यात्रा पर जाने वाले हजारों आजमीनों को एहराम (हज के दौरान पहने जाने वाला कपड़ा) बांधकर विमान में सवार होना होगा। सात वर्ष बाद ऐसा होगा, जब शिया-सुन्नी आजमीनों को एहराम बांधकर सऊदी अरब रवाना होना होगा। यही नहीं इस बार लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से विमान मदीना की उड़ान नहीं भर सकेंगे। हज कमेटी ऑफ इंडिया व सऊदी हुकूमत ने यह सुविधा खत्म कर दी है।
यही नहीं हज उड़ान की तिथि, विमान संख्या और समय की जानकारी आजमीनों को उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस भेजकर दी जाएगी। आजमीनों को अपनी तय उड़ान से दो दिन पहले हज हाउस पहुंचकर अपनी मौजूदगी दर्ज करानी होगी। हज हाउस में रहकर ही अंतिम औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी, जहां उन्हें वीजा, पासपोर्ट, आइडी बैंड, 2100 रियाल व सऊदी अरब का सिम कार्ड दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि अब पौने दो लाख के बजाय दो लाख यात्री हज यात्रा पर रवाना हो सकेंगे। नई व्यवस्था के मुताबिक, भारतीय हज यात्रियों की संख्या में 25000 की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। पहली बार महिलाएं बिना किसी पुरुष अभिभावक के अकेले हज यात्रा पर रवाना हो सकेंगी। टूर ऑपरेटरों की मांग है कि यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी से होने वाला फायदा उन्हें भी मिलना चाहिए।
निजी हज टूर ऑपरेटरों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस भेज मांगा जवाब
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