मुंबई:पंजाब नेशनल बैंक घोटाले का आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी सजा से बचने के लिए नित नए हथकंडे अपना रहा है। इस बार उसने अपने वकील के जरिए नया दांव चला है। उसके वकील ने मुंबई की सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट में तर्क दिया है कि नीरव मोदी पर लगे आरोप की सुनवाई केवल धन शोधन निवारण अधिनियम और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत नामित अदालत ही कर सकती है।
मुंबई की सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट में सोमवार को इस मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन नीरव मोदी के वकील द्वारा आवेदन दाखिल किए जाने के बाद अदालत ने नोटिस जारी करते हुए सुनवाई के लिए 25 जून की तिथि निर्धारित की। बता दें कि अभी बीते बुधवार को ही ब्रिटेन के हाईकोर्ट ‘रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस’ ने दो अरब डॉलर के पीएनबी घोटाले के आरोपित भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की जमानत याचिका को खारिज कर दी थी। मोदी का जमानत लेने का यह चौथा नाकाम प्रयास था।
ब्रिटेन के हाईकोर्ट यानी लंदन स्थित ‘रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस’ की जज एनग्रिड सिमलर ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि इस बात के ठोस आधार हैं कि 48 वर्षीय भगोड़ा हीरा कारोबारी सरेंडर नहीं करेगा क्योंकि उसकी मंशा भाग जाने की है। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ब्रिटेन की निचली अदालत जैसे ही चिंता जताते हुए जज सिमलर ने फैसला सुनाया कि सभी बातों पर ध्यानपूर्वक गौर करते हुए उन्हें इस बात के पुख्ता सुबूत मिले हैं जो बताते हैं कि नीरव मोदी पहले भी गवाहों पर दबाव डाल चुका है।