पिता हमारे भविष्य को संवारने में अपनी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण वक्त लगा देते हैं, ऐसे में हमारा दायित्व बनता है कि जब आप अपने पैरों पर खड़े हो जाएं तो बुढ़ापे का सहारा बनें। शारीरिक कठिनाइयों से जूझने के दौरान आय का नियमित साधन न हो तो बुजुर्गों के लिए बड़ी मुश्किलें होती हैं। शादीशुदा और कामकाजी संतानों के लिए भी मां-बाप को लेकर सबसे बड़ी चिंता उनकी सेहत को लेकर होती है। भागदौड़ भरी जिंदगी में वे ज्यादा वक्त तो अपने मां-बाप के साथ तो नहीं बिता सकते हैं, लेकिन ऐसी कुछ योजनाएं हैं, जिनके जरिये आप उनकी सेहत का ख्याल रख सकते हैं। ऐसी ही कुछ योजनाओं पर पेश है हिन्दुस्तान टीम की रिपोर्ट…
1. आपात जरूरतों के लिए स्वास्थ्य बीमा
आपके माता-पिता में से किसी की भी उम्र 60 साल से ज्यादा है तो उनके लिए चिकित्सा बीमा लेना बेहतर कदम है। यह किसी भी स्थिति में उनकी चिकित्सा जरूरतों को तो पूरा करता ही है, साथ में आपको बीमा के बदले सालाना 50,000 रुपये तक की कर छूट भी देता है। क्लियर टैक्स के सीईओ अर्चित गुप्ता का कहना है कि आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत इस पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है। कर छूट का यह लाभ धारा80सी में मिलने वाले 1.5 लाख रुपये तक की छूट के अलावा है। एकमुश्त चुकाए गए हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर कर छूट का लाभ पूरी अवधि तक मिलता है। फैमिली फ्लोटर प्लान में भी पिता को जोड़कर उनकी चिकित्सा सुरक्षा को बढ़ा सकते हैं।
2. टर्म प्लान का खर्च उठाएं
अगर आपके मां-बाप के पास पहले से कोई टर्म प्लान या जीवन बीमा नहीं है तो आप ऐसा करने में सक्षम हैं तो उनके लिए ये निवेश विकल्प ले सकते हैं। टर्म इंश्योरेंस बीमित व्यक्ति की अकस्मात मौत से परिवार को होने वाली आर्थिक कठिनाइयों को दूर करता है। आप पिता को आर्थिक मदद देकर उन्हें यह पॉलिसी खरीदने में मदद कर सकते हैं। या प्रीमियम का रिफंड भी कर सकते हैं। कैंसर, हार्ट या अन्य गंभीर बीमारियों से जुड़ी पॉलिसी भी आती हैं, जिनका खर्च उठाकर पिता के स्वास्थ्य को सुरक्षा दे सकते हैं। खासकर शादीशुदा बेटियां अपने पिता को यह सुरक्षा कवच दे सकती हैं।
3.वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ी बचत योजना
डाक घर की ओर से पेश सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम भी पिता के लिए अच्छा उपहार हो सकता है। अगर आपके पिता की कोई नियमित आय नहीं है तो उन्हें यह तोहफा दे सकते हैं। आप खुद तो निवेश नहीं कर सकते, लेकिन पिता को निवेश के लिए जरूरी रकम उपहार में दे सकते हैं। इसमें हर तिमाही ब्याज आपके मां-बाप को मिलता रहेगा। इसमें परिपक्वता अवधि पांच साल होती है, जिसे तीन साल बढ़ा सकते हैं। पारंपरिक बचत योजनाओं में इसमें सर्वाधिक 8.7 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है। 60 वर्ष या फिर इससे अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इस खाते को खुलवाने की योग्यता रखता है। वहीं 55 वर्ष से अधिक या 60 वर्ष से कम उम्र के ऐसे लोग जो वीआरएस ले चुके हैं वो भी खाता खुलवा सकते हैं।
4. एफडी, एनएससी भी करा सकते हैं
आप चाहें तो पिता को मदद देकर उनके नाम पर एफडी या एनएससी, केवीपी भी करा सकते हैं। एफडी में सात से आठ फीसदी और एनएससी में अभी आठ फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है। इसमें पांच साल का सुरक्षित निवेश होता है। अगर आपके अभिभावकों को किसी निश्चित समयांतराल पर कुछ रकम की जरूरत है तो यह समझदारी भरा निवेश है।
5. आप जोखिम से नहीं डरते तो पिता के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम भी चुन सकते हैं। यह टैक्स बचत का लाभ तो देती है, साथ ही इसमें लॉक इन पीरियड महज तीन साल का होता है। ऐसे में इसे काफी लचीली निवेश योजना माना जाता है। अर्चित गुप्ता का कहना है कि जीवन बीमा उत्पाद के तौर पर यूलिप यानी यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान भी आप पिता के लिए चुन सकते हैं। आप पिता को जरूरतों के हिसाब से उन्हें प्योर पेंशन प्लान, एंडावमेंट प्लान और गारंटी युक्त इनकम का एन्युटी प्लान भी दे सकते हैं।
6. स्वास्थ्य जांच पर भी मिलती है टैक्स छूट
अगर आप आपने माता-पिता या अन्य अभिभावकों के स्वास्थ्य को लेकर फिक्रमंद हैं तो नियमित तौर पर उनका हेल्थ चेकअप कराकर भी उनका ख्याल रख सकते हैं। इससे कोई बीमारी गंभीर होने के पहले ही उसका पता चल जाता है और स्वास्थ्य पर खर्च बच जाता है। साथ ही माता-पिता को अधिक उम्र में सर्जरी या अन्य प्रकार की शारीरिक कठिनाइयों से भी बचाया जा सकता है। अगर आप अपने माता-पिता का हेल्थ चेकअप कराते हैं तो उस पर पांच हजार रुपये की टैक्स छूट पाई जा सकती है। अगर मां-बाप की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है तो टैक्स छूट सात हजार हो जाती है।
ऐसे भी कर सकते हैं मदद
जिम, योगा क्लास और लॉफिंग क्लब सदस्यता
सिर्फ चिकित्सा जरूरतें ही पर्याप्त नहीं है। अकेलेपन और तनाव को दूर करने के लिए मां-बाप को जिम, योगा क्लास या लॉफिंग क्लब की सदस्यता का उपहार देना भी सम्मान और आदर दिखाता है। अवीवा लाइफ इंश्योरेंस की चीफ कस्टमर, मार्केटिंग एंड डिजिटल अधिकारी अंजलि मल्होत्रा का कहना है कि अगर आप अपने मां-बाप से दूर रह रहे हैं तो ऐसी सामूहिक भागीदारी वाले आयोजन उन्हें अकेलेपन और तनाव से बचाते हैं और खुशहाल रखते हैं।
फिटनेस बैंड का भी बढ़ा चलन
आजकल फिटनेस बैंड का भी चलन बढ़ा है, जो दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर और स्वास्थ्य से जुड़ी तमाम बारीकियों पर नजर रखते हैं। ऐसे में पिता की जीवन शैली को संतुलिन और चिंतामुक्त बनाने के लिए यह भी तोहफा हो सकता है। फिटनेस बैंड से मिली रिपोर्ट को आप ऑनलाइन हासिल कर सीधे उस डॉक्टर के पास भी भेज सकते हैं, जो आपके पिता के निवास स्थान के करीब हो। इससे उनके स्वास्थ्य की उचित देखभाल हो सकती है।
ट्रैवल इंश्योरेंस
अगर आपके माता-पिता आपसे दूर रहते हैं तो उनका ट्रैवल इंश्योरेंस भी करा सकते हैं। ऐसे में अगर ट्रेन या फ्लाइट में देरी होती है, सामान चोरी होता है तो उसकी भरपाई हो सकती है। अगर यात्रा के दौरान कोई मेडिकल इमरजेंसी भी आती है तो भी ट्रैवल इंश्योरेंस काम आता है।
डिजिटल पेमेंट में मदद
विशेषज्ञों का कहना है कि दूर रहने वाले माता-पिता को बिजली, पानी, गैस, सफाई जैसे बिल के भुगतान के लिए दौड़ना न पड़े सो उसे आप अपने अकाउंट में ऑटोमैटिक बिल से भी जोड़ सकते हैं। पिता के नाम पर कोई कर्ज या ईएमआई भी चल रही है तो समय से पहले भुगतान करके भी आप उनकी चिंता दूर कर सकते हैं।