पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि उनके भारतीय समकक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल के लोकसभा चुनावों में जीते गए बड़े जनादेश का इस्तेमाल दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए करेंगे। इमरान खान ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि दोनों देशों को बातचीत के माध्यम से शांति और अपने मतभेदों को सुलझाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां तक कि कश्मीर जैसे मुद्दों का भी हल बातचीत के जरिए किया जा सकता है, अगर दोनों सरकारें चाहें तो।
इमरान खान ने आगे कहा कि हमारा जोर शांति कायम करने, बातचीत के माध्यम से हमारे मतभेदों को हल करने पर होना चाहिए। और भारत के साथ हमारा मुख्य मतभेद कश्मीर है। और अगर दोनों देशों के प्रमुख इस मसले को करने के लिए दोनों सरकारें फैसला लेती हैं तो इस मुद्दे को हल किया जा सकता है।’
इमरान खान ने कहा कि मगर दुर्भाग्य से हमें अब तक भारत से ज्यादा सफलता नहीं मिली है। लेकिन हमें उम्मीद है कि वर्तमान प्रधानमंत्री के पास एक बड़ा जनादेश है, हम आशा करते हैं कि वह इस जनादेश का उपयोग बेहतर संबंध विकसित करने और उपमहाद्वीप में शांति लाने के लिए करेंगे।
दरअसल, इस साल फरवरी में कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए। हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद इमरान खान और मोदी ने एक दूसरे को ट्वीट किया। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने पीएम मोदी की जीत के बाद को बधाई संदेश भी भेजा। हालांकि, फिलहाल दोनों पक्षों के बीच फिर से कॉन्टेक्ट शुरू होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
खान ने कहा कि पाकिस्तान ने अप्रैल-मई में भारत के चुनावों से पहले ही रिश्तों को सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन चुनावी अभियान के दौरान इसे प्रमुखता से नहीं लिया गया। उन्होंने कहा “हमने वास्तव में चुनावों से पहले कोशिश की थी, लेकिन दुर्भाग्य से हमें लगा कि चुनावों से पहले प्रधान मंत्री मोदी की पार्टी लोगों के बीच पाकिस्तान विरोधी भावना का उन्माद पैदा कर रही थी। ऐसे में चुनाव से पहले शांति के लिए बातचीत का कोई चांस नहीं दिखा।
चुनाव खत्म हो जाने के बाद पाकिस्तान उम्मीद कर रहा है कि भारतीय नेतृत्व इस अवसर का लाभ उठाएगा जो पाकिस्तान पेश कर रहा है कि बातचीत के माध्यम से हमारे सभी मतभेदों को हल करें। खान ने कहा कि दोनों परमाणु हथियार संपन्न देश सैन्य साधनों के माध्यम से मतभेदों को हल करने के बारे में नहीं सोच सकते। यह पागलपन है। इसलिए हमें उम्मीद है कि अब हम अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या रूस भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कर सकता है, खान ने जवाब दिया कि पाकिस्तान हर तरह की मध्यस्थता को स्वीकार करेगा क्योंकि पाकिस्तान का मानना है कि प्रगति शांति के साथ आती है। और जब आप अपने पड़ोसियों के साथ तनाव रखते हैं, तो इससे उन संसाधनों के लिए बाधक बनता है जो इंसानों पर खर्च किए जा सकते हैं। अंत में वे संसाधन और पैसे हथियारों की तरह अनुत्पादक चीजों पर खर्च होता है। इसलिए हम सभी पड़ोसियों के साथ विशेषकर भारत के साथ शांति में विश्वास करते हैं।