वाशी। महान तपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या शासन श्री साध्वी श्री सोम लता जी के सानिध्य में वाशी में महिला मंडल द्वारा कार्यशाला का आयोजन हुआ। क्यों बढ़ रही ये दूरी क्या है मज़बूरी. कार्यशाला का शुभारंभ महिला मंडल के मंगल संगान से हुआ, संयोजिका वनीता बापना ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया।
इस मौक़े पर शासन श्री साध्वी श्री सोमलता जी ने ओजस्वी वाणी में परिषद को संबोधित करते हुए कहा, जीवन में ख़ुशहाली लाने के लिए सौहार्द्र की पगडंडी पर चलना चाहिए यही अमृत रस का पान कराने वाला और आनंद प्रदान करने वाला रसायन है। मधुर वाणी और सरस व्यवहार से व्यक्ति रिश्तों को लंबा समय तक निभा सकता है उन्होंने आगे कहा रिश्तों की दूरियों को पाटने के लिए अहंकार एवं अविश्वास की ट्रेन में यात्रा नहीं करें बल्कि सकारात्मक सोच व उदार नज़रिए से संबंधों में सेतु का निर्माण करें।
मुख्य वक़्ता दिलीप जी सरावगी ने अपने प्रभावशाली वक्तव्य में कहा रिश्तों के धागों को सुरक्षित और टिकाऊ बनाने में सबको अपने साँचे में ढालने की कोशिश कदापि न करें। ज्ञाता दृष्टा भाव से हर परिस्थिति का आंकलन कर जो जैसा है उसे उसी रूप में देखना सीखें। साध्वी श्री संचित याशाजी एवं रक्षित यशा जी ने अपने विचार विविध शैली में रखें। साध्वी शकुन्तला कुमारी जी ने स्तुति गीत गाया। साध्वी जागृत प्रभा जी ने अनुप्रेक्षा करवाई।
अखिल भारतीय महिला मंडल से निर्मला जी चंडालिया ने तेरापंथ महिला मंडल वाशी को केंद्र द्वारा निर्देशित सभी कार्यशालाओं का सुंदर आयोजन करने पर बधाई दी। गीता जी चपलोत, सरितजी चंडलिया ने मधुर गीत गाया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहसयोजिका सीमा मेहता ने किया। भाई बहनों की अच्छी उपस्थिति रही।
वाशी में connection with next generation कार्यशाला का सफल आयोजन
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