लंदन:विश्व कप खेलने के लिए इंग्लैंड पहुंची भारतीय टीम को शनिवार (25 मई) अपना पहला अभ्यास मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलना है, लेकिन मैच से एक दिन पहले ही उसके लिए विजय शंकर की चोट चिंता बन गई है। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो की रिपोर्ट के मुताबिक, शंकर को शुक्रवार को अभ्यास के दौरान दाहिने कंधे में चोट लगी और वह तुरंत मैदान छोड़कर बाहर चले गए।
विजय बल्लेबाजी का अभ्यास कर रहे थे, तभी भारतीय टीम को प्रैक्टिस कराने के लिए इंग्लैंड गए बाएं हाथ तेज गेंदबाज खलील अहमद की बाउंसर पर पुल करने गए और गेंद उनके हाथ में लगी। बीसीसीआई ने हालांकि शंकर की स्थिति पर अभी तक कोई औपचारिक स्पष्टीकरण नहीं दिया है। भारतीय टीम उम्मीद करेगी कि शंकर की चोट गंभीर न हो। शंकर को नंबर-4 के लिए अंबाती रायडू के ऊपर तरजीह मिली है।
बता दें कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला प्रैक्टिस मैच केनिंग्टन ओवल मैदान पर खेला जाएगा। 30 मई से विश्व कप की शुरुआत हो रही है। उससे पहले हर टीम दो-दो अभ्यास मैच खेलेगी। भारत को अपना दूसरा अभ्यास मैच मंगलवार को बांग्लादेश के खिलाफ खेलना है।
अभ्यास मैच दोनों टीमों के लिए अपनी तैयारियों को परखने का अच्छा मौका होगा। इससे पता चलेगा की टीमें कहां खड़ी हैं साथ ही मुख्य मैचों की शुरुआत से पहले अभ्यास मैच होने से टीमों को इंग्लैंड की परिस्थितयों में ढलने में भी मदद मिलेगी।
न्यूजीलैंड के खिलाफ अभ्यास मैच भारतीय बल्लेबाजों को अपने आप में लय में लाने का अच्छा मौका है। टीम के अधिकतर बल्लेबाज अपने देश में इंडियन प्रीमियर लीग में खेल रहे थे जहां विकेट अमूमन बल्लेबाजों की मददगार होती हैं।
अब स्थितियां अलग हैं और इंग्लैंड की पिचें भी बल्लेबाजों को परेशान करेगी। न्यूजीलैंड के पास ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी जैसे गेंदबाज हैं, जिनमें गेंद को स्विंग कराने की काबिलियित है। इन दोनों के खिलाफ खेलने से भारतीय गेंदबाजों को मुख्य मैचों में जाने से पहले लय में आने का मौका मिलेगा।
इस मैच में भारत नंबर-4 के बल्लेबाज को लेकर चली आ रही टेंशन का भी समाधान ढ़ूंढ़ने की कोशिश करेगा। कोच रवि शास्त्री पहले ही कह चुके हैं कि टीम के पास इस नंबर के लिए कई विकल्प हैं ऐसे में देखना होगा कि कौन इस जिम्मेदारी को संभालेगा। दो अभ्यास मैचों में नंबर-4 के लिए टीम प्रबंधन तैयार कर सकता है। वहीं गेंदबाजों को भी विकटों के बारे में पता चलेगा कि यहां कहां गेंद डालना है और किस तरह मौसम की मदद लेनी है।