मुंबई। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी व साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी के सांनिध्य में मीना सुरेश कुमार वागरेचा एवं विष्णु कुमार हरकलाल बाफना, के मासखमण तप पर अनुमोदना का भव्य एवं संघ प्रभावक कार्यक्रम आयोजित हुआ। सैकड़ों भाई बहनों ने मौन एवं मुखर बनकर तप अनुमोदना करते हुए तपोमय जीवन की मंगलकामना व्यक्त की। साध्वी श्री आणिमाश्रीजी ने अपने उदबोधन में कहा तपस्या वह औषधि है, जो जीवन मे सहजता, स्वस्थता का अवतरण कर देती है। तपस्या से जब व्यक्ति का अन्तर्मन अनुप्राणित होता है, तब आनंद का द्वार उद्घाटित हो जाता है। तपस्वी का आत्मबल , मनोबल, और संकल्प बल, साधु साध्वियों की प्रेरणा एवं पारिवारिक जनों का आत्मीय सहयोग , थे तीनो धाराए एक साथ मिलती है तब मासखमण जैसी तपस्याओं की अनुमोदना का अवसर परिषद को प्राप्त होता है। प्रत्येक तपस्वी अपने मन को मजबूत बनाकर ही तप की कतार में खड़ा होता है। भाई विष्णु व बहन मीना ने हमारी प्रेरणा को सार्थक किया है। तप के पथ पर निरन्तर गतिमान रहे , तप के दीप जलते रहे मंगलकामना।
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने कहा तप से आत्मिक आभा निखरती है। अलौकिक होता है, तपस्वी का व्यक्तित्व । अलौकिक पथ का वरण करने वाले भाई विष्णु व बहन मीना को मासखमण के लिए सौ सौ साधुवाद । साध्वी सुधाप्रभाजी ने भाई विष्णु व बहन मीना के मासखमण तप के उपलक्ष्य में श्रध्येय महाश्रमणी वरा के ऊर्जामय पावन सन्देश का वाचन करते हुए अतीत में साध्वी श्रीजी की प्रेरणा से शरीर को रोमांचित कर देंने वाली तपस्याओं का रोमांचक वर्णन किया। साध्वी मैत्रीप्रभा ने मंच संचालन करते हुए कहा किस्मत वाले व्यक्ति ही तपस्या रूपी अमृत को पीकर अमरभव की दिशा में प्रस्थान करते है। साध्वी कर्णिका श्रीजी, साध्वी सुधाप्रभाजी, साध्वी स्मतव्यशाजी व साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने भावपूर्ण तप अनुमोदना गीत का संगान कर तपिस्यो वर्धापित किया। एवं परिषद को तप के क्षेत्र में गतिमान बनने की प्रेरणा दी।
तपस्वी भाई विष्णु ने कहा आज मैं ह्रदय की अनन्त गहराइयों से साध्वी श्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हु। आप की प्रेरणा से ही आज मैं इस मुकाम तक पहुंचा हु। सपना सा लगने वाला यह मासखमण आपकी कृपा का प्रसाद है। इस ट्रस्ट के अध्यक्ष किशनलाल डागलिया ने कहा भाई विष्णु का मासखमण एक चमत्कार है। अत्यधिक सक्रिय गति शील एवं एक जगह स्थिरता रहने वाले व्यक्ति का यह मासखमण साध्वी श्रीजी आपके करिश्माई व्यक्तित्व एवं जबरदस्त प्रेरणा का परिणाम है। मीना ने छोटी उम्र मासखमण कर परिवार व दक्षिण मुंबई का गौरव बढ़ाया है। सुरेश वागरेचा ने कहा साध्वी श्रीजी आपके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नही है।आपने स्वंय प्रति दिन मेरी पत्नी को दर्शन देकर उसका मनोबल बढाया है। सभी साध्वी वृन्द का आत्मीय सहकार प्राप्त हुआ। परिवार का आध्यात्मिक सहयोग मीना को प्राप्त हुआ। गुरु कृपा आप श्री की प्रेरणा व परिवार के सहकार से तपस्या का लक्ष्य पूरा हुआ।
तेयुप अध्यक्ष रवि डोसी , संयोजिका वन्दना वागरेचा, मुंबई महिला मंडल मंत्री स्वेता सुराणा, भंवरलाल कर्णावट, जयेश चोरडिया, प्रातिक वागरेचा, सोनल बाफना, सरला बाफना, सांताक्रुज सभा अध्यक्ष पुखराज परमार ने भावो की अभिव्यक्ति दी। वागरेचा परिवार की बहनो ने गीतिका प्रस्तुत की। महिला मंडल ने सुंदर गीत की प्रस्तुति दी। मनोज ने मंगल संगान किया। नितेश धाकड़ के सम्मान का संचालन किया। महाप्रज्ञ विधा निधि फाउंडेशन, तेयुप व महिला मंडल के पदाधिकारियों ने मोमेंटो व सन्देश तपस्वी भाई बहनों को समर्पित किया। तपस्या का सम्मान तप के द्वारा साध्वी श्रीजी के इस आवाहन सुनकर अनेक भाई बहनों ने चातुर्मास में तेला करने का संकल्प किया । यशवंत , मोड़ीलाल , सुरेश वागरेचा, जयेश शान्तिलाल, अशोक , रिया मीना, सीमा, लीला, पुष्पा, सुंदर बाई , सुशीला, नितेश धाकड़, सुरेश , शान्ता धींग, मुकेश धाकड़, कन्हैयालाल मेहता, अशोक केसर, राजुभाई, रेखा धाकड़, रेखा बरलोटा, सरला बाफना, महावीर बाफना, कंचन कोठारी, पिंकी चोरडिया, प्रेमा मनोहर डागलिया, कांता राठौड़, लक्ष्मी कोठारी, संगीता सिंघवी, ने तेले के संकल्प के साथ मासखमण तपस्वियों का अभिवादन किया। यह जानकारी तेयुप दक्षिण मुंबई मीडिया प्रभारी नितेश धाकड़ ने दी।
कालबादेवी में मासखमण तप अनुमोदना का भव्य कार्यक्रम
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