चव्हाण ने दावा किया कि रुपये का भुगतान करने के बावजूद उनका तबादला नहीं किया गया। पिछले साल चव्हाण ने मुंबई के नजदीक हवाई अड्डे के निकट भूमि के एक टुकड़े के लिए एनओसी के लिए आरोपी से संपर्क किया था, जिसके लिए उसने कथित तौर पर एक करोड़ रुपये की मांग की थी।
प्रवक्ता ने बताया कि उसने दावा किया है आरोपी और उसके सहयोगी उसका काम हो जाने का भरोसा दिलाने के लिए उसे मार्च 2018 में दिल्ली में एक मंत्री के कार्यालय ले गए। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसने अपनी पत्नी के गहने बेचकर कुछ रुपये का भुगतान किया। पर, आरोपी और उसके सहयोगियों ने उसे जाली एनओसी दस्तावेज दिए।
चव्हाण ने मंगलवार को यहां पुलिस से शिकायत की। इसके बाद मुख्य आरोपी धर्मेंद्र सिंह और उसके सहयोगियों रामचरण गौहर, महबूब शेख और मोहन झा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की जांच की जा रही है।
तबादले के नाम पर ठगे 18 लाख, केस दर्ज
मुंबई :महाराष्ट्र सरकार के एक अधिकारी को तबादला कराने और भूमि का एनओसी दिलाने का प्रलोभन देकर उनके साथ कथित तौर पर धोखाधड़ी करने के मामले में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने शिकायत के आधार पर बताया कि राज्य शहर योजना विभाग में काम करने वाले विद्यासागर चव्हाण के मुताबिक जब वह नवंबर 2017 में मुख्य आरोपी से मिले थे, तो आरोपी ने उनसे प्रधानमंत्री कार्यालय और दिल्ली में नौकरशाहों से अच्छा संपर्क होने का दावा किया था। पुलिस के मुताबिक इसके बाद चव्हाण ने आरोपी से अपना तबादला मुंबई में राज्य सचिवालय से ठाणे के अंबरनाथ कराने को कहा था। आरोपी ने इसके लिए कथित तौर पर 28 लाख रुपये मांगे, लेकिन बाद में 18 लाख रुपये पर बात बनी।
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