पेइचिंग। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अति महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट-रोड’ ( ओबीओआर ) परियोजना को तगड़ा झटका लगा है। मलयेशिया ने इस परियोजना से अपने कदम खींचते हुए इन्हें कैंसिल कर दिया है। अपनी चीन की यात्रा के आखिरी दिन इस बात की जानकारी दी है। आपको बता दें कि भारत सहित दुनिया के तमाम देशों को चीन के इस प्रॉजेक्ट से आपत्ति है। भारत गिलगित बाल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) विवादित क्षेत्र से गुजरने वाली चीन की इस परियोजना को अपनी संप्रुभता के खिलाफ बता रहा है।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि चीन इस परियोजना को चलाने के लिए दी जाने वाली भारी भरकम रकम को लोन ट्रैप की तरह इस्तेमाल कर सकता है। मलेयशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भी पैसे का ही हवाला लेकर परियोजना को कैंसिल करने की जानकारी दी है। महातिर ने बताया कि चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री, दोनों ने ही उनके इस फैसले को स्वीकार किया है। इससे पहले चीन ने दावा किया था कि परियोजना पर होने वाला निवेश दोनों देशों के लिए फायदे का सौदा है।
इस प्रॉजेक्ट में 20 अरब डॉलर की ईस्ट कोस्ट रेल लिंग और 2.3 अरब डॉलर के दो एनर्जी पाइपलाइन बनने थे जो पहले से ही सस्पेंड चल रहे हैं। महातिर ने कहा, ‘यह सारा मामला इनमें बहुत ज्यादा पैसे लगाने का था और हमारी सामर्थ्य इतनी नहीं है। हम इस पैसे को अदा नहीं कर सकते और फिलहाल हमें मलयेशिया में इन प्रॉजेक्ट्स की जरूरत भी नहीं है।’ हालांकि महातिर ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में ये प्रॉजेक्ट फिर से शुरू किए जा सकते हैं। पीएम ने कहा कि अभी मलयेशिया का फोकस राष्ट्रीय कर्ज को कम करने का है।
अपनी पहले की नजीब रजक की सरकार पर मूर्खताओं का आरोप लगाते हुए महातिर ने कहा कि अपने कर्जे को लेकर अगर हम सतर्क नहीं रहे तो हम दिवालिया हो सकते हैं। नजीब रजक को हराकर महातिर सत्ता में आए हैं। फिलहाल रजक पर भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे हैं। महातिर ने कहा कि इन प्रॉजेक्ट्स से बाहर निकलने के लिए पेनल्टी के तौर पर अभी भी पैसे देने पड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें यह भी जानना है कि इन प्रॉजेक्ट्स के लिए अबतक दिए गए पैसों का क्या हुआ।
चीन की ‘बेल्ट-रोड’ परियोजना को झटका, मलयेशिया ने अपने कदम वापस खींचे
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