नवी मुम्बई। आचार्य श्री महाश्रणजी के 58 वे जन्मदिवस के अवसर पर” अभिवंदना समारोह का आयोजन मुनिश्री जिनेश कुमारजी के सानिध्य में स्थानीय तेरापंथ भवन ऐरोली में तेरापंथी सभा ऐरोली द्वारा मनाया गया । कार्यक्रम की सुरुवात मुनि श्री के ऐरोली में प्रदार्पण पर स्वागत रैली के माद्यम से किया गया । जिसमें जिसमे अणुव्रत समिति के अध्यक्ष रमेश जी चौधरी भी उपस्थित रहे ।
इस अवसर पर मुख्य अथिति के रूप में नवी मुंबई के सांसद संदीपजी नायक, तेरापंथ सभा अध्यक्ष नरेन्द्र जी तातेड़,मंत्री विजयजी पटवारी ,अर्जुन जी सिंघवी उपस्थित थे । अभिवंदना समारोह में धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनि जिनेश कुमारजी ने कहा सागर में गहराई होती है किंतु ऊंचाई नही। पर्वत में ऊंचाई होती है लेकिन गहराई नही, लेकिन हमारे महापुरुषो में गहराई व ऊंचाई दोनो होती है , जैसे जैन धर्म के प्रभावक आचार्य की श्रृंखला में एक स्वर्णिम नाम है आचार्यश्री महाश्रमण । वे अध्यात्म साधना के शिखर पुरुष, विकाश के महा पुरुष व भारतीय संस्कृति अनमोल रत्न है । उनका जन्म राजस्थान के सरदारशहर में आज ही के दिन वि.स.२०१९ में माता नेमादेवी, पिता झूमर मलजी दुग्गड़ के आंगन में हुआ । साधारण रूम में जन्म लेने वाला बालक मोहन आज तेरापंथ के आचार्य पद पर आशीन होकर असाधारण व्यक्तित्व के धनी बन गए । वे आज्ञानिष्ठ, आगमनिष्ठ,आचारनिष्ठ व संघनिष्ठ रहकर मानवता की सेवा ने समर्पित रहते है । उनका जन्मदिवस मनाकर पूरा तेरापंथ समाज गौरव व प्रसन्ता महसूस कर रहा है । वे युगों युगों तक संघ-समाज की सेवा करते रागे ऐसी मंगलकामना करते है । इस अवसर पर मुनि परमानंद ने कहा- आचार्यश्री महाश्रमणजी महान साधक व द्रढ संकल्प के धनी है ।
विधायक संदीपजी नायक ने आचार्यश्री के जन्मदिवस पर शुभकामना देते हुए उनके द्वारा किये जारहे कार्यो की सराहना की एवं नविमुम्बई में नशामुक्ति के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगो को प्रेरित करने का सुझाव दीया। इस अवसर पर जैन समाज की तरफ से दिनेश पारिख, अंकिता सिंघवी, युवक परिषद अध्यक्ष राकेश डूंगरवाल,मंत्री धीरज बोहरा , जीवन विज्ञान प्रशिक्षक जितेंद्र सोनी ने अभिवंदना में अपने विचार व्यक्त किये । कार्यक्रम का शुभारंभ महिलामण्डल की बहनो के मंगलाचरण से हुआ । साथ ही ज्ञानशाला के बच्चे व बच्चीयों ने भी सुंदर प्रस्तुति दी । स्वागत भाषण तेरापंथ सभा अध्यक्ष द्वारा दिया गया । युवक परिषद के सदस्यो ने समधुर गीत जिनशासन के महातपन को अभिवंदना, महाश्रमण गुरुवार दुनिया से न्यारे है का संगान किया।
नरेंद्रजी तातेड़ द्वारा झूम झूम गुणगान गाँउ रे-जय जय महाश्रमण गीत मन मोहक था । आभार ज्ञापन मंत्री धीरज बोहरा व मंच संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। इस अवसर पर ठाणे, मुलुंड, डोम्बिवली, घाटकोपर, कांदिवली व अन्य जगह के श्रद्धालु उपस्थित थे । कार्यक्रम को सफल बनाने में महेंद्र जी सिंघवी, सुरेश जी मोटावट राकेश डूंगरवाल ,धीरज बोहरा,विरेन्द्र सामोता, गौतम चंडालिया,मुकेश बेताला ,महावीर दुग्गड ,जयंत कोठारी ,नितिन कोटडिया की उपस्थिति सराहनीय रही ।यह जानकारी जिनेशकुमार जी की सेवा में गये गजेंद्र सामोता द्वारा प्राप्त हुई ।
भारतीय संस्कृति अनमोल रत्न-आचार्य महाश्रमणजी-मुनि जिनेश कुमारजी
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