मुंबई:बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर प्यार में बाधा पढ़ने वाले परिजनों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। यह उन लोगों के लिए सबक है, जो अपने बालिग बेटे और बेटी के अंतरजातीय प्रेम और विवाह में बाधा पड़ते हैं। यह मामला पुणे के तलेगांव का है। कानून की पढ़ाई करने वाली छात्रा ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि वह दूसरी जाति के एक लड़के से प्यार करती है। इसीलिए उसे अपने परिजनों से जान को खतरा है। इस पर हाई कोर्ट ने पुलिस को मामला दर्ज लड़की को संरक्षण देने का निर्देश दिया था। इसी निर्देश पर गुरुवार को तलेगांव एमआईडीसी पुलिस ने छात्रा के तीन रिश्तेदारों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है।
इसमें छात्रा के मामा दत्तात्रेय बंदु शेटे, दो अन्य रिश्तेदार रवि निवरुत्ती शेटे और संपत ध्यानेश्वर शेटे का नाम शामिल हैं। तीनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 344, 352, 323, 506 और 507 के तहत मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने उसके मामा और दो अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।’
छात्रा ने अपनी याचिका में कहा कि वह मराठा समुदाय की है। वह अपने साथ पढ़ने वाले एक लड़के से प्यार करती है जो एक अन्य समुदाय का है। लड़का गरीब परिवार से है। छात्रा के माता-पिता अंतरजातीय रिश्ते के खिलाफ हैं और मारने की धमकी दे रहे हैं। पिछले दिनों न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक और न्यायमूर्ति आर आई चागला की अवकाशकालीन पीठ ने पुणे में तालेगांव एमआईडीसी पुलिस को छात्रा की शिकायत पर विचार करने और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे।
अंतर्जातीय प्यार में बाधा बनने वालों की बढ़ी मुश्किलें
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