नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को एक ऐसी हस्ती करार दिया, जो कभी दबाव में नहीं झुके और न ही विषम परिस्थितियों में कभी निराश हुए।
दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टडियम में सोमवार की शाम पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की याद में आयोजित प्रार्थना सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटलजी नाम से ही अटल नहीं थे, उनके व्यवहार और रग-रग में अटल भाव नजर आता था। उन्होंने जीकर दिखाया कि जीनव कैसा हो, क्यों हो, किसके लिए हो, कैसे हो?
मोदी ने कहा कि यह वाजपेयी ही थे, जिन्होंने परिस्थितियों को उस समय बदल दिया जब कुछ देश कश्मीर के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘वाजपेयी की वजह से आतंकवाद वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया।’ मोदी ने 1996 में एनडीए की अल्पकालिक सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि जब वाजपेयी ने 13 दिन के लिए सरकार बनाई तो कोई पार्टी उनका समर्थन करने को तैयार नहीं थी। ‘सरकार गिर गई। उन्होंने (वाजपेयी) उम्मीद नहीं खोई और लोगों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध रहे।’ उन्होंने कहा कि गठबंधन राजनीति के समय वाजपेयी ने मार्ग दिखाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वाजपेयी सरकार ने तीन राज्यों- झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड का गठन किया तो प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई और इस दौरान कोई कड़वाहट नहीं दिखी। मोदी ने मई 1998 के परमाणु परीक्षणों का जिक्र करते हुए कहा कि वाजपेयी के प्रयासों से भारत का परमाणु शक्ति बनना सुनिश्चित हुआ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने परीक्षणों का श्रेय देश के वैज्ञानिकों को दिया। दो दिन बाद भारत ने फिर परीक्षण किए और दिखाया कि एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व क्या कर सकता है। मोदी ने कहा, ‘वह (वाजपेयी) कभी भी दबाव में नहीं झुके। आखिरकार वह अटल थे।’ उन्होंने यह भी कहा कि वाजपेयी ने कभी भी अपनी विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी ने खुद को सांसद के रूप में प्रतिष्ठित किया और उन्हें संसदीय परंपराओं पर गर्व था।
राजनीति व धर्म से उठकर जुटा पूरा देश
पद, पार्टी और विचारधारा से ऊपर उठकर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और असम से लेकर गुजरात तक से जुटे विभिन्न दलों के राजनेता, संत व सामाजिक संगठनों के प्रमुख नेताओं ने वाजपेयी को याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
प्रार्थना सभा में जुटान में ऐसी राष्ट्रीय एकता थी, जो अटलजी के जीवन से बड़े व्यक्तित्व को परिलक्षित कर रही थी। कांग्रेस व कम्युनिस्ट नेताओं ने भी अटलजी को उतनी शिद्दत से याद किया, जितना उनकी अपनी पार्टी भाजपा ने। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अटलजी के व्यक्तित्व की विशालता का ही परिणाम हैं कि एशियाई खेलों में देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतने वाले बजरंग पूनिया ने अपना पदक अटलजी को समर्पित किया, जिसने मिलना तो दूर अटलजी को देखा भी नहीं होगा।
देनेवाले वृक्ष थे अटलजी : भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अटलजी को सच्चा स्वयंसेवक बताते हुए ऐसा वृक्ष बताया जिसके पत्ते औषधि, फूल, सुगंध व फल दूसरों के खाने के काम आते हैं। जो सिर्फ देता है। साथ ही उन्होंने उन लोगों को भी याद किया जिन्होंने इस वृक्ष को पौधे से वृक्ष बनने तक उसे गर्मी, सर्दी, झंझावातों से बचाया।
नेहरूजी ने प्रधानमंत्री बनने की भविष्यवाणी की थी : राजनाथ
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अटलजी केवल प्रधानमंत्री बनने से ही लोकप्रिय नहीं हुए, वे जहां भी रहते जो भी करते, इतने ही लोकप्रिय होते। उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 35 साल के युवा अटलजी की प्रतिभा पहचान की थी। उन्होंने कहा था कि ये देश के भविष्य में प्रधानमंत्री होंगे।
अद्भुत सभा, जिसमें पूरा देश मौजूद : आजाद
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह अद्भुत सभा है, जिसमें कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश के हर कोने के नेता व दल मौजूद हैं। विचारधारा अलग-अलग है, लेकिन सभी एक हाल में जमा हैं। यही अटलजी का व्यक्तित्व है कि सभी यहां एक साथ है। बहुत कम लोग होते हैं तो मरने के बाद दूरियां कम करते हैं। बीते 39 साल से अटलजी को देखने व 1991 से 1996 के बीच अटलजी के साथ नजदीक से काम का उल्लेख करते हुए आजाद ने कहा कि आज जो दूरियां हैं वे पहले नहीं थीं।
पासवान क्या बोले
लोजपा नेता व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान बोले, मैं बचपन से ही वाजपेयी की भाषण शैली से प्रभावित रहा हूं। जब दिल बड़ा हो तो दल अपने आप बड़ा हो जाता है।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूख अब्दुल्ला बोले, वह प्रधानमंत्री नहीं बल्कि दिलों के मालिक थे
योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि यह शोकसभा नहीं गौरव सभा है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वाजपेयी जम्मू-कश्मीर के लिए मसीहा थे।
जमीयते उलेमा ए हिंद के मौलाना मदनी ने कहा कि अटलजी भारत रत्न नहीं अनमोल रत्न थे।
सभी का आभार, अजातशत्रु थे अटलजी : शाह
सभा में आए सभी लोगों का आभार जताते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अटलजी को अजातशत्रु, राजनेता के साथ संवेदनशील कवि, स्वभावगत पत्रकार, प्रखर वक्ता, जागरुक सांसद बताया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ नेता शरद यादव, संत अवधेशानंद गिरि, लोकसभा उपाध्यक्ष व अन्नाद्रमुक के नेता थंबीदुरई, राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश, बसपा के नेता सतीश मिश्र, भाकपा के नेता डी. राजा, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ. ब्रायन, अकाली दल की केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर, शिवसेना नेता सुभाष देसाई, बीजद के शशिभूषण बेहरा, तेलुगु देशम के वाई.एस. चौघरी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। सभा में राजद, आम आदमी पार्टी, इनेलो, राकांपा, अगप, समेत विभिन्न दलों के नेता मौजूद थे।
अटलजी ने जीकर दिखाया कि जीवन कैसा हो, क्यों हो, किसके लिए हो, कैसे हो : मोदी
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