नई दिल्ली।विनेश फोगाट ने एशियाई खेलों में इतिहास रचते हुए 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इस उपलब्धि के साथ वह पहली भारतीय महिला पहलवान बनी हैं, जिन्होंने एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया हो। गोल्ड मेडल के लिए खेले गए मुकाबले में विनेश ने जापान की इरी युकी को 6-2 से मात दी। बता दें कि भारत ने एशियाई खेलों में अभी तक दो ही गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं। दोनों ही पदक कुश्ती से मिले हैं। इससे पहले रविवार को बजरंग पूनिया ने इन खेलों का पहला गोल्ड मेडल दिलाया था।
सोमवार को भारत की विनेश जब अपनी बाउट में उतरीं, तो वह पैर में दर्द की समस्या से जूझ रही थीं। इसके बावजूद उन्होंने अपनी सभी बाउट जीतीं और विरोधी रेसलर को कोई मौका नहीं दिया। गोल्ड मेडल के लिए खेले गए फाइनल मुकाबले में विनेश ने संभल कर शुरुआत की और पहले वह डिफेंसिंग अप्रोच के साथ खेल रही थीं। विनेश फोकस नजर आ रही थीं और जब रेफरी ने उन्हें रक्षात्मक खेल छोड़ पॉइंट्स अर्जित करने के लिए कहा, तो फिर विनेश ने मैट पर अपनी चपलता दिखाई और जापानी रेसलर पर बढ़त बना ली।
अंकों के लिहाज से विनेश ने अपनी पहली बढ़त 4-0 के बनाई थी। इसके बाद इरी युकी ने 2 अंक अर्जित किए इस बीच विनेश ने भी 2 अंक लेकर 4 अंकों की अपनी लीड को बरकरार रखा। अंत में मैच का निर्धारित समय पूरा होने के बाद विनेश ने 6-2 के अंतर से ऐतिहासिक गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया।
फाइनल में पहुंचने से पहले विनेश ने सेमीफाइन में कोरिया की पहलवान किम को पटखनी दी थी। इस मुकाबले में विनेश ने किम को कोई मौका ही नहीं दिया और बाउट शुरू होते ही कुछ ही पलों में 11 अंक बटोर कर तकनीकी आधार 11-0 से मुकाबला अपने नाम किया था। इस तरह उन्होंने सेमीफाइनल में एकतरफा जीत दर्ज कर गोल्ड मेडल के लिए अपनी चुनौती ठोकी।
भारत की ओर से विनेश ने दिन की शुरुआत करते हुए चीन की सुन को हराया। उन्होंने इस जीत के साथ रियो ओलिंपिक की अपनी कड़वी यादों को पीछे छोड़ दिया जब चीनी खिलाड़ी के खिलाफ मुकाबले में पैर में चोट लगने के कारण विनेश मुकाबला हार गई थीं। इस मुकाबले में विनेश ने इस बार विरोधी खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और उसे 8-2 से हराया।
अगली बाउट में उन्होंने कोरिया की हजुंगजू किम को तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हरा दिया। उनका सेमीफाइनल मैच केवल 75 सेकेंड चला और वह ‘फितले’ दांव के साथ फाइनल में पहुंचीं। वह 4-0 से आगे थीं और फिर तीन बार विरोधी खिलाड़ी को पलट दिया। अपने पहले एशियाई खेल में साक्षी का सेमीफाइनल तक का सफर आसान रहा और उन्होंने थाइलैंड श्रीसोम्बत (10-0) और अयालुम कस्सीमोवा (10-0) को आसानी से शिकस्त दी।