गोपालगंज। बिहार में गोपालगंज की ये कहानी शौचालय की है। दरअसल पारस महतो के बेटे की शादी मांझा प्रखंड के बलुही गांव में हुई है। शादी से पहले ही बहू सुनीता कुमारी ने ससुराल वालों से शौचालय के बारे में पूछा था तो ससुराल वालों ने कहा था कि शौचालय उपलब्ध है। लेकिन शादी के बाद जैसे ही सुनीता को पता चला कि घर में शौचालय नहीं है तो उसने विदा होने से ही इनकार कर दिया। घर में वाशिंग मशीन, एलईडी टीवी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं लेकिन शौचालय नहीं है। यह मांझा प्रखंड के मारवा टोला गांव के पारस साह के घर की स्थिति है। बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन सह लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत प्रत्येक घर में शौचालय बनाना है। इस क्रम में मांझा पश्चिमी पंचायत में सभी वार्डों में शौचालय निर्माण का कार्य पूरा कर लिया गया है। लेकिन वार्ड संख्या 7 के मारवा टोला गांव के कई घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हो सका है। इसको ले रविवार को बीडीओ व बीएओ लोगों को शौचालय बनाने के लिए प्रेरित करने पहुंचे तो एक घर ऐसा मिला जो पक्का मकान था। जिसमें आधा दर्जन कमरे भी थे। वाशिंग मशीन, फ्रिज, एलईडी टीवी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध थीं। लेकिन घर में शौचालय नहीं था। ये सभी सामान पारस महतो के मैकेनिकल इंजीनियर बेटे उपेंद्र कुमार की चार माह पूर्व हुई शादी में उपहार के रूप में मिले थे।
बीडीओ ने कहा कि शौचालय नहीं होने से बहू-बेटी को काफी परेशानी होती है। इसी वजह से आपकी बहू ने ससुराल आने से इनकार कर दिया है। बीडीओ के इतना समझाने के बाद घरवालों ने शौचालय निर्माण के लिए गड्ढा खोदने का काम शुरू कर दिया। बीडीओ ने कहा कि पारस साह के घर में सभी सामान थे। भव्य मकान था, लेकिन घर में शौचालय नहीं था। बहू ने ससुराल आने से इनकार किया तो भी घरवाले इसके प्रति गंभीर नहीं हुए। बहू को पुरस्कृत किया जाएगा।