मुंबई: महाराष्ट्र राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने खरीदार को फ्लैट का कब्जा देने के आदेश का पालन नहीं करने पर शहर के एक बिल्डर को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। बिल्डर पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। शिकायतकर्ता ने 2005 में उपनगर कांदीवली में एसडी कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट में 1,165 वर्ग फीट आकार का फ्लैट बुक कराया था। जब उसे 2007 तक फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला, तब उसने आयोग का दरवाजा खटखटाया।
बिल्डर ने जानबूझकर आदेश का पालन नहीं किया
आयोग की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त जज एपी भंगाले और सदस्य एसके ककाडे ने अपने फैसले में कहा कि एसडी कंस्ट्रक्शन के मालिक शेखर ददारकर ने जानबूझकर 2016 के उसके आदेश का पालन नहीं किया। बता दें कि आयोग ने अपने आदेश में बिल्डर से तीन महीने के अंदर खरीदार अरुण केजरीवाल को फ्लैट पर कब्जा देने को कहा था।
भुगतान के बाद भी आदेश का नहीं किया पालन
आयोग ने अपने फैसले में इस बात का भी उल्लेख किया कि शिकायतकर्ता द्वारा शेष राशि का भुगतान करने के बाद भी बिल्डर ने आयोग के अंतिम आदेश का पालन नहीं किया। 18 अप्रैल को दिए आदेश में आयोग ने कहा कि दादरकर को जेल में डालने के लिए हिरासत में लिया जाएगा। अगर वह आयोग के आदेश का पालन करते हुए खरीदार को फ्लैट दे देता है तो उसे जेल से रिहा कर दिया जाएगा।
बिल्डर ने शिकायतकर्ता को धोखा दिया
आयोग ने अपने आदेश में इस बात का भी उल्लेख किया कि बिल्डर ने शिकायतकर्ता को धोखा दिया और फ्लैट को किसी और बेच दिया। इसका मतलब यह हुआ कि बिल्डर ने जानबूझकर उसके आदेश की अवज्ञा की। आयोग ने कहा कि बिल्डर ने केवल इस आधार पर स्थगन की मांग की थी कि बिल्डर शिकायतकर्ता के साथ मामले को सुलझाएगा, लेकिन इस विषय में कुछ नहीं किया गया।