धुलिया। सकल जैनसंघ धुलिया एवं नवकार मंडल द्वारा समायोजित प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री निर्वाणश्रीजी ने कहा – भगवान महावीर का अवतरण इस धरती पर विषमताओं को मिटाने लिए हुआ। उन्होंने उस युग में प्रचलित अनेक बुराइयों की निरसन करने के लिए राजसी वैभव का त्याग किया। जातिवाद , दासप्रथा आदि को उखाड़ कर मानव धर्म को प्रतिष्ठित किया। उनके द्वारा प्रदत्त अहिंसा, अपरिग्रह एवं अनेकान्त उस युग में जितने प्रासंगिक थे आज भी उतने ही हैं। अपेक्षा है आधुनिक मानव उन्हें अपने जीवन से जोड़कर समस्या मुक्त बनें।
स्थानकवासी समाज का प्रतिनिधित्व करते हुए श्रमण संघीय साध्वीश्री पद्मावतीजी ने कहा- भगवान महावीर का अंत: करण विशेष रूप से करूणार्द था। उन्होंने चंडकौशिक जैसे जीवों का उद्धार किया। चंदनबाला को दासता की बेड़िया से मुक्त करने वाले भगवान महावीर ही थे। भगवान महावीर के जीवन से प्रेरणा लें हम व सब अपने जीवन को संवारें। मूर्तिपूजक समाज की और और से मुनि परमविजय जी ने कहा- मुझे आज विशेष प्रसन्नता है कि धुलिया का समग्र जैन समाज जन्म जयन्ती के इस अवसर पर भगवान महावीर को रचनात्मक श्रद्धा समर्पित कर रहा है। सद्भाव और एकता माध्यम से ही हम जिनशासन की शोभा को शतगुणित कर सकते हैं। साध्वी गवेषणाश्री जी, साध्वी योगक्षेमप्रभाजी, साध्वी लावण्यप्रभाजी, साध्वी मंयकप्रभाजी आदि साध्वीवृंद के नमस्कार महामंत्र के समवेत उच्चारण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।
श्रावक समाज द्वारा जैन ध्वज को वंदन करते हुए कार्यक्रम को आगे बढा़या गया। कार्यक्रम का संचालन श्री कमलेश गांधी ने कुशलतापूर्वक किया। कार्यक्रम अत्यंत उल्लासपूर्ण माहौल में परिसम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम के समग्र जैन समाज के श्रावक -श्राविकाओं ने बड़ी संख्या में सामायिक अनुष्ठान में भाग लिया। तेरापंथ सभा धुलिया के अध्यक्ष श्री सुरजमलजी सूर्या ,मंत्री विनोद जी घुड़ीयाल के नेतृत्व में तेरापंथी भाई -बहनों ने सामायिक की।
धुलियाः महावीर जयंती के उपलक्ष्य में विराट् सामायिक महोत्सव एवं व्याख्यानमाला
Leave a comment
Leave a comment