भोपाल:लोकसभा चुनावों के मौजूदा माहौल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी लोगों के ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों के बाद सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर कहा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव के घर से आयकर विभाग के छापे में करोड़ों रुपये की काली कमाई बरामद हुई। इससे एक बात तो साफ हो गई कि जो चोर है, उसे ही चौकीदार से शिकायत है। विजयवर्गीय ने अपने इस ट्वीट के साथ एक फोटो भी लगाया जिसमें नोटों की गड्डियों से भरे दो बक्से नजर आ रहे हैं।
उधर, कांग्रेस ने कमलनाथ के करीबी लोगों से संबंधित आयकर विभाग की मुहिम को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, जिस तरह आयकर विभाग ने छापे मारे, उससे स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद इस महकमे के अफसरों को कठपुतली की तरह कांग्रेस के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भूपेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार राजनीतिक रंजिश के चलते पूरे देश में विपक्ष के नेताओं को निशाना बना रही है। इसी तरह के राजनीतिक प्रतिशोध के चलते आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री (एन चन्द्रबाबू नायडू) और द्रमुक नेता एम के स्टालिन ने केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन किया था।
पहली बार सीआरपीएफ की मदद ली गई
आयकर सूत्रों के मुताबिक, मध्यप्रदेश के आयकर अफसरों को कार्रवाई की जानकारी नहीं दी गई थी। दिल्ली की टीम ने मध्यप्रदेश पुलिस की भी मदद नहीं ली। पहली बार सीआरपीएफ को छापेमारी की कार्रवाई में शामिल किया गया।
तड़के कार्रवाई की गई
आयकर अफसरों ने छापेमारी के लिए इंदौर में एक ट्रैवल एजेंसी से गाड़ियां बुक कीं। प्लानिंग के तहत 15 अफसरों ने रात 3 बजे कक्कड़ के आवास पर दबिश दी। यहां विजय नगर स्थित शोरूम, बीएमसी हाइट्स स्थित ऑफिस, शालीमार टाउनशिप और जलसा गार्डन, भोपाल स्थित आवास पर जांच की गई।
किसके यहां मारे गए छापे
प्रवीण कक्कड़ : पूर्व पुलिस अधिकारी हैं। उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। 2004 में नौकरी छोड़कर वे कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बने। दिसंबर 2018 में कमलनाथ के ओएसडी बन गए। हाल में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था।
आरके मिगलानी : 30 साल से कमलनाथ के साथ जुड़े हैं और उनके सलाहकार हैं। मुख्यमंत्री से लोगों की मुलाकात और उनके अन्य कामों का जिम्मा मिगलानी ही संभालते हैं।
रातुल पुरी : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रातुल पुरी, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फंसे हुए हैं। रातुल पुरी का नाम राजीव सक्सेना ने पूछताछ के दौरान छिपा लिया गया था। राजीव सक्सेना का दुबई से अगुस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे मामले में प्रत्यर्पण हुआ था।
प्रतिक जोशी और अश्विन शर्मा : भोपाल में प्लेटिनम प्लाजा की छठी मंजिल पर प्रतीक जोशी और अश्विन शर्मा का आवास है। दोनों ही प्रवीण कक्कड़ के बेहद करीबी माने जाते हैं। प्रतीक के घर से बड़ी मात्रा में नकदी जब्त की गई। अश्विन के पास दो दर्जन लग्जरी कारें मिलीं।
छापेमारी के दौरान सीआरपीएफ और पुलिस के बीच ठनी
छापेमारी के दौरान मध्यप्रदेश में पश्चिम बंगाल की तरह पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच टकराव की स्थिति बन गई। सीआरपीएफ का कहना है कि मध्य प्रदेश पुलिस हमें काम नहीं करने दे रही है।
दरअसल, भोपाल शहर के न्यू मार्केट इलाके में प्लेटिनम प्लाजा स्थित बहुमंजिला भवन में शर्मा के ठिकाने पर भी छापे की कार्रवाई की गई। आयकर विभाग द्वारा मध्यप्रदेश पुलिस को अलग रख सीआरपीएफ की सुरक्षा में यह कार्रवाई की जा रही है। छापे के दौरान शाम को मध्यप्रदेश पुलिस के कुछ अधिकारियो ने कॉम्प्लेक्स के अंदर जाने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ के जवानों ने उन्हें रोक दिया। इस बात को लेकर सीआरपीएफ के अधिकारी और पुलिस के अधिकारियों के बीच तीखी तकरार हो गई।
लोगों के कहने पर पहुंची थी पुलिस
मध्यप्रदेश पुलिस के नगर पुलिस अधीक्षक भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि कॉम्प्लेक्स में रह रहे लोगों की शिकायत पर पुलिस यहां आई है। सीआरपीएफ के अधिकारी से कहासुनी होने बाद उन्होंने कहा, हमें आयकर छापे से कोई लेना देना नहीं है। पूरे कॉम्प्लेक्स को सील कर दिया है। इस कॉम्प्लेक्स में अस्पताल भी है। लोग परेशान हो रहे थे। लोग स्थानीय पुलिस के एसएचओ को फोन कर रहे हैं और वहां से निकल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल अश्विनी शर्मा का घर सील करें जबकि पूरे कॉम्प्लेक्स को सील कर रखा है।
सीआरपीएफ ने कहा, पुलिस हमे गाली दे रही
सीआरपीएफ दल का नेतृत्व कर रहे अधिकारी प्रदीप कुमार ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश पुलिस हमें काम नहीं करने दे रही है, वे हमें गालियां दे रहे हैं। उन्होने कहा, यहां वही लोग हैं जिनके यहां छापा पड़ा है। पुलिस काम नहीं करने दे रही है। काम से रोक रहे हैं। हम केवल अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। सीआरपीएफ देश के लोगों की रक्षा करती है। आयकर छापे की कार्रवाई चल रही है। इसलिए अधिकारियों के आदेश पर किसी को अंदर जाने नहीं दे रहे हैं। जैसे ही छापे की कार्रवाई समाप्त होगी खबर कर देंगे।
मैं हैरान हूं कि राज्य सरकार और उसके मुख्यमंत्री आयकर विभाग को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। सीआरपीएफ को उसकी ड्यूटी करने से रोका जा रहा है? क्या यह भ्रष्टाचारियों को बचाने का प्रयास नहीं है। राज्य में अभूतपूर्व संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया है। जैसे बंगाल में हुआ। -शिवराज सिंह चौहान, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री
आज जो छापे पड़े हैं, उनकी ज्यादा जानकारी उन्हें नहीं है। इसके अलावा इस संबंध में वही लोग जवाब देंगे, जिनके यहां छापे पड़े हैं। लेकिन यदि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ठिकानों पर इस तरह की कार्रवाई की जाए तो बड़ी मात्रा में अवैध धन निकलेगा। -दिग्विजय सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता