सहारनपुर: लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी के बाद अब महागठबंधन भी जोश में है। आज सहारनपुर के देवबंद में ‘सामाजिक न्याय से महापरिवर्तन’ महारैली में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भाजपा के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। उनके साथ सभा को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव तथा राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी अजित सिंह भी संबोधित करेंगे।
देवबंद में सहारनपुर-मुजफ्फरनगर स्टेट हाईवे के देवबंद में कासिमपुरा गांव के तिब्बियां कालेज के निकट मैदान में मायावती जमकर गरजीं। मायावती ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को देश की कोई भी चिंता नही है। वह तो अपनी पार्टी भाजपा की ब्रांडिंग में लगे हैं। अब उनको गठबंधन से डर लग रहा है। यह तो तय है कि अब उत्तर प्रदेश से भाजपा जा रही है और गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ आ रहा है। पीएम मोदी सिर्फ गरीबों का साथ देने का नाटक कर रहे हैं। उनका पूरा ध्यान तो धन्ना सेठों को और अमीर बनाने का है।
देवबंद में गठबंधन की रैली में बसपा सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। माया ने कहा कि यहां की भीड़ देखकर मोदी पगला जाएंगे। कहा कि भाजपा जा रही है और गठबंधन आ रहा है। भाजपा की जुमलेबाजी अब काम नहीं आएगी। कहा कि भाजपा ने सरकारी खजाना खाली कर दिया है। मोदी ने चुनाव घोषित होने से पहले बजट में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की। भाजपा की गलत नीतियों से किसान दुखी है। लोगों को गुमराह किया जा रहा है। मायावती ने कहा कि अगर हमें केंद्र सरकार बनाने का मौका मिला तो सभी राज्यों को सख्त निर्देश दिए जाएंगे ताकि किसानों का बकाया नहीं रखा जाएगा।
मायावती ने कहा कि महागठबंधन की तस्वीर देखने के बाद पीएम मोदी हैरान हंैं। वह इसको देख भी रहे होंगे, लेकिन अब तो गठबंधन के सामने इनके छोटे-बड़े चौकीदार कुछ भी कर लें कुछ नहीं कर पाएंगे। अब तो भाजपा को सत्ता गंवानी है। जनता भी सब जान चुकी है। हमारे गठबंधन से मोदी घबराकर पगला जाएंगे।
मायावती ने कहा कि हमारी सरकार के सत्ता में आने के बाद किसी का भी कुछ बकाया नहीं रह जाएगा। देश के हर राज्य में दलितों व आदिवासियों का कोटा खाली पड़ा है। हर जगह पर भाजपा ने नाटक फैला रखा है, लेकिन अब इनका कोई नाटक नहीं चलेगा। मायावती ने पीएम मोदी पर साधा निशाना कहा कि मोदी सरकार पूंजीपतियों को धनवानों बनाती रही है। हम कांग्रेस तथा भाजपा की तरह लोगों से झूठा वादा नहीं करेंगे। केंद्र में अगर हमारी सरकार बनती है तो हम सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों में लोगों को नौकरी देंगे। जिससे कि वह लोग अपना तथा परिवार का पेट पाल सकें।
मायावती ने कहा कि पीएम मोदी का 15 लाख का वादा मजाक बनकर रह गया। राज्यों से कांग्रेस के साथ भाजपा गलत नीतियों से बाहर हुई है। अब दोनों को बिल्कुल बाहर कर देना है। उन्होंने कहा कि बसपा कभी घोषणा पत्र नहीं जारी करती है। हमको अपनी योजना तथा कार्यशैली पर भरोसा है। हमारा काम किसी के भी घोषणा पत्र पर भारी रहता है।
ईवीएम से छेडछाड न हुई तो गठबंधन जीतेगा
मायावती ने कहा कि अगर ईवीएम में छेड़छाड न हुई तो गठबंधन की जीतना तय है। कहा कि दलित आदिवासियों का कोटा आज भी खाली पड़ा है। अल्पसंख्यकों की हालत भी ठीक नहीं है। चौकीदारी की नाटकबाजी मोदी को नहीं बचा पाएगी। उन्होंने कहा कि चुनाव आते ही भाजपा घबरा गई है। लंबे समय तक शासन करने वाली कांग्रेस गलत नीतियों के कारण हारी है। मायावती ने कहा कि देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं। सबका साथ, सबका विकास महज जुमला साबित हुआ है। पीएम मोदी पूंजीपतियों को और धनवान बना रहे हैं। मायावती ने कहा कि राफेल में घोटाला हुआ। इसको लेकर मायावती ने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा।
देवबंद पर आज सभी की निगाह
इस्लामिक शिक्षा के बड़े केंद्र देवबंद पर आज सभी की निगाहें हैं। दुश्मन से दोस्त बने मायावती और अखिलेश यादव जहां पहली बार संयुक्त सभा करेंगे। मतदान के ठीक चार दिन पहले आज यहां बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया अजित सिंह गठबंधन के उम्मीदवार हाजी फजलुर्रहमान के पक्ष में चुनावी सभा करेंगे। उत्तर प्रदेश की सियासत में आज एक बड़ा है। 23 वर्ष की दुश्मनी भुलाकर सपा-बसपा 25 साल पहले के तर्ज पर साथ चुनावी अभियान की शुरुआत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के देवबंद से करने जा रहे हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और रालोद मुखिया चौधरी अजित सिंह मंच से जनता को संबोधित कर राजनीतिक समीकरण साधने की कवायद करेंगे।
उत्तर प्रदेश सपा-बसपा ने जब-जब हाथ मिलाया है तब-तब भाजपा को मात खानी पड़ी है। सूबे में 90 के दशक में राम मंदिर आंदोलन का दौर था, लेकिन मुलायम-कांशीराम ने 1993 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर मैदान ने उतरे तो भाजपा का पूरी सफाया हो गया। उत्तर प्रदेश में लोकसभा उपचुनाव में 2018 में बसपा के समर्थन से सपा ने भाजपा को धूल चटा दी थी। लोकसभा चुनाव में गठबंधन को अपने इतिहास दोहराने की बड़ी चुनौती है। ऐसे में देवबंद में होने वाली गठबंधन यह रैली चुनावी रणभूमि का मिजाज तय करेगी।
पश्चिम उत्तर प्रदेश की पहले चरण की 8 लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल को मतदान होंगे। इनमें सहारनपुर, कैराना, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर, गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर सीट है। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन आठों सीटों को भाजपा ने जीता था। कैराना सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मात खानी पड़ी थी और बसपा-सपा के समर्थन से आरएलडी ने जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी।
पश्चिम यूपी के सहारनपुर संसदीय सीट के अंतर्गत देवबंद के अलावा बेहट, सहारनपुर, सहारनपुर देहात और रामपुर मनिहारन विधानसभा सीटें आती हैं। इन सभी सीटों पर मुस्लिमों की आबादी अच्छी खासी है। सपा-बसपा गठबंधन ने यहां से हाजी फजलुर रहमान को उम्मीदवार बनाया है, तो वहीं कांग्रेस ने इमरान मसूद को टिकट दिया है। भाजपा ने सांसद राघव लखनपाल को उतारा है। इमरान मसूद ने 2014 के लोकसभा चुनाव में करीब 4.07 लाख वोट हासिल किए थे। इसके बाद भी भाजपा के राघव लखनपाल ने करीब 66 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। इस बार यहां ऐसे में इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है, जहां मुस्लिम बंटने की संभावना बेहद अधिक दिख रही है।
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