नई दिल्ली: सेना के शीर्ष कमांडर देश के सामने पेश आ रही सुरक्षा चुनौतियों और संभावित शत्रुओं से लड़ने की ताकत को बढ़ाने पर सोमवार से शुरू हो रहे सम्मेलन में विस्तार से चर्चा करेंगे। सप्ताह भर चलने वाले इस सम्मेलन की अध्यक्षता सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत करेंगे। 8 से 14 अप्रैल तक होने वाले सम्मेलन में उद्घाटन भाषण रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा दिया जाएगा। सेना के कमांडरों की यह कांफ्रेंस प्रत्येक दो वर्ष में होती है।
सूत्रों ने बताया कि कमांडर खासतौर से पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी प्रशिक्षण शिविर पर भारत के हवाई हमले के बाद बदलती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर पड़ोसी देश के साथ सीमा पर भारत की सुरक्षा तैयारी की समीक्षा करेंगे। सेना ने एक बयान में कहा, ‘जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है उनमें मौजूदा सुरक्षा आयाम का प्रबंधन, भविष्य के सुरक्षा खतरों को खत्म करना और संभावित शत्रुओं के खिलाफ लड़ने की ताकत बढ़ाना शामिल हैं।’
सम्मेलन में सेना के गठन और सेना से संबंधित विशिष्ट मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि सैन्य कमांडर चीन के साथ लगती भारत की सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास पर विचार-विमर्श करेंगे। इसमें सामरिक रेलवे लाइनों को बिछाने के साथ ही सीमा पर कई प्रमुख सड़कों को बनाने सहित महत्वपूर्ण परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा की जाएगी।