नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में आरोपित क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को पूरक आरोप पत्र दायर किया। पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत में दायर तीन हजार पन्नों के पूरक आरोप पत्र में दावा किया गया है कि पूरे प्रकरण में 325 करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत आरोपितों में बंटी। इसमें मिशेल के पार्टनर डेविड सिम्स और उसकी कंपनियों ग्लोबल ट्रेड, ग्लोबल सर्विस को भी नामजद किया गया है। विशेष न्यायाधीश अरविंंद कुमार ने कहा कि पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेने और आरोपितों को समन जारी करने पर फैसला छह अप्रैल को लिया जाएगा।
ईडी ने जब जून 2016 में क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ पहला आरोपपत्र दाखिल किया था तब दावा किया था कि आरोपितों ने करीब 225 करोड़ रुपये की रिश्वत अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से ली थी। अब ईडी की तरफ से बताया गया कि ब्रिटिश नागरिक सिम्स और मिशेल ने अपनी कंपनियों के माध्यम से रिश्वत का पैसा लिया।
12 हेलीकॉप्टर का सौदा कराने की एवज में यह पैसा लिया गया, लेकिन हेलीकॉप्टर नहीं खरीदे गए। पैसा अलग-अलग कंपनियों, व्यक्ति विशेष को बांट दिया गया। सिम्स के बैंक खाते से बड़ी रकम का लेन-देन हुआ। इसके अलावा आरोपित गौतम खेतान, राजीव सक्सेना और उसकी पत्नी शिवानी ने भी अपनी-अपनी कंपनियों के मार्फत करोड़ों रुपये को अलग-अलग जगह खपाया।
गौरतलब है कि क्रिश्चियन मिशेल को पिछले साल दिसंबर में दुबई से भारत लाकर गिरफ्तार किया गया था। एक जनवरी 2014 को भारत ने इटली की कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टर खरीदने का करार रद कर दिया था, क्योंकि इस सौदे में घोटाले का आरोप लगा था।
सीबीआइ ने जांच के बाद पहला आरोप पत्र एक सितंबर 2017 को दाखिल किया था। सीबीआइ ने वायु सेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी, पूर्व एयर मार्शल जेएस गुजराल सहित आठ को आरोपित बनाया था। सीबीआइ जांच के बाद ईडी ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में बंटी 325 करोड़ रुपये की रिश्वत : ईडी
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