वाशिंगटन: भारतीय नौसेना में ‘रोमियो’ के शामिल होने की खबर से चीन की चिंताएं जरूर बढ़ी होंगी। आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये ‘रोमियो’ कौन है। इसका चीनी चिंता से आखिर क्या ताल्लुक है। आइए हम आपको बताते हैं, इस खास मेहमान ‘रोमियो’ के बारे में, जिसे हासिल करने के लिए भारत करीब एक दशक से बेताब था।
जी हां, अमेरिका का मल्टी-रोल एमएच-60 ‘रोमियो’ सीहॉक एक हेलीकॉप्टर है। अब यह हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना के बेड़े में भी दिखेगा। भारतीय मांग को देखते हुए अमेरिका ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। यह जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग ने पुख्ता की है। ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को कांग्रेस को सूचित किया हैै कि उसने भारत को बहु उद्देशयीय हेलीकॉप्टर की ब्रिकी को मंजूरी दी है। यह भारतीय रक्षा बलों को सतह रोधी और पनड़ुब्बी रोधी मिशन में अभूतपूर्व क्षमता की वृद्धि होगी।
और मजबूत हुए भारत-अमेरिका संबंध
अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि इस प्रस्तावित बिक्री से भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी। इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। यह सौदा अमेरिकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के अनुरूप है। इसमें आगे कहा गया है कि इस सौदे से भारत प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति बनेगा।
इस अधिसूचना में कहा गया है कि इस प्रस्तावित बिक्री से भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध अभियान की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। जाहिर है कि जिस तरह से प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में चीन का दखल और दबदबा बढ़ रहा है, उससे अमेरिका और भारत की चिंताए बढ़ गईं थीं। लेकिन भारतीय नौसेना के बेड़े में इस हेलीकॉप्टर के शामिल होने से यह एक सैन्य संतुलन स्थापित होगा।
अमेरिकी ‘रोमियो’ ने उड़ाई चीन की नींद, प्रशांत महासागर में होगा अब भारत का दबदबा
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