नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ज्यादा पेंशन का रास्ता साफ कर दिया है। केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दर्ज की गई भविष्य निधि संगठन (EPFO) की विशेष अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। ऐसे में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को भी ज्यादा पेंशन मिलेगी।
केरल हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में भविष्य निधि संगठन को कहा था कि रिटायर होने वाले कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी के आधार पर पेंशन मिलनी चाहिए। अभी तक ईपीएफओ एक निधार्रित सीमा में ही कर्मचारियों को पेंशन देता है। कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ ईपीएफओ ने सुप्रीम कोर्ट में अपीली की थी। बता दें कि अभी तक ईपीएफओ अधिकतम 15,000 हजार रुपये तक की सैलरी को आधार बनाते हुए ही पेंशन देता था।
खबर के अनुसार, पेंशन की गणना (कर्मचारी के द्वारा की गई नौकरी में बिताए गए कुल वर्ष+2)/70xअंतिम सैलरी के आधार पर होगी। इस तरह यदि किसी कर्मचारी की सैलरी 50 हजार रुपये महीना है, तो उसे हर नए नियम के बाद करीब 25 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे। हालांकि, पुराने नियम के तहत यह पेंशन मात्र 5000 के लगभग होती थी।
गौरतलब है कि साल 2014 में ईपीएफओ द्वारा किए गए संशोधन के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की पेंशन की गणना 6400 के स्थान पर 15000 के आधार पर करने को मंजूरी दी गई थी। हालांकि इसमें भी यह पेंच फंसा दिया गया था कि पेंशन की गणना कर्मचारी की पिछले पांच साल की औसत सैलरी के आधार पर होगी। इससे पहले यह गणना रिटायरमेंट से पहले के एक साल के आधार पर की जाती थी। इसके बाद यह मामला केरल हाईकोर्ट में पहुंचा। यहां केरल हाईकोर्ट ने अपने फैसले में संशोधन कर पेंशन की गणना का आधार रिटायरमेंट से पहले के एक साल को बना दिया और पांच साल वाली बाध्यता को समाप्त कर दिया गया। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां साल 2016 में कोर्ट ने पूरी सैलरी के आधार पर पेंशन देने का आदेश सुनाया। कुछ समय पहले ईपीएफओ ने केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इसे सोमवार को ईपीएफओ की याचिका खारिज करते हुए प्राइवेज कर्मचारियों को कई गुना बढ़ी हुई पेंशन मिलने का रास्ता साफ कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के पेंशन में भारी वृद्धि का रास्ता किया साफ
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