नई दिल्लीे:गोपनीय मिशन पर उड़ रहा नौसेना का विमान एक वेबसाइट पर लाइव ट्रैक हो रहा था। लेकिन नौसेना ने इसकी जरा भी परवाह नहीं की। लापरवाही का आलम यह रहा है कि 2016 से शुरू हुई यह समस्या 2018 में भी दूर नहीं की गई। जबकि नौसेना को सिर्फ इतना करना था कि वेबसाइट पर जाकर अपने विमानों की ट्रैकिंग को बंद करना था।
वेबसाइट की तरफ से यह सुविधा दी गई थी। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा कि इससे नौसेना मिशन की गोपनीयता खतरे में पड़ी। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार एबीसी वेबसाइट पर उड़ान भरने वाले दुनिया भर के विमानों की स्थिति देखी जा सकती है। इस पर उड़ान का पूरा ट्रैक रहता है। इतना ही नहीं लाइव ट्रैक के अलावा वेबसाइट पर एक साल तक का रिकॉर्ड भी रहता है।
सात दिन की ट्रैकिंग की जानकारी मुफ्त है। लेकिन बाकी जानकारी लेने वाले से शुल्क लिया जाता है। वेबसाइट पर 2016 में महत्वपूर्ण मिशन पर उड़ान भर रहे नौसेना के एक विमान की ट्रैकिंग हो रही थी। सीएजी ने अपनी जांच में पाया कि वेबसाइट की तरफ से विमान के स्वामित्व रखने वाली कंपनियों को यह विकल्प दिया गया है कि वह अपने विमानों की ट्रैकिंग दिखाने को प्रतिबंधित (ब्लॉक) कर सकती हैं। लेकिन नौसेना ने ऐसा करने की जरूरत नहीं समझी।
डायरेक्टर जनरल के समक्ष मामला उठाया
ऑडिट के दौरान इस मामले को रक्षा मंत्रालय के अधीन डायरेक्ट्रेट ऑफ एयर वारफेयर एंड फ्लाइट सेफ्टी आईएचक्यू के समक्ष उठाया। अक्तूबर 2017 में उसने बताया कि इस मामले को डायरेक्टर जनरल सिविल एविशन के समक्ष उठाया गया है।
सुविधा का इस्तेमाल न करने पर नाराजगी जताई
सीएजी ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि नौसेना ने वेबसाइट पर उपलब्ध उस सुविधा का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे वह अपने विमान की ट्रैकिंग को रोक सकती थी। नजीता यह है कि फरवरी 2018 में भी वेबसाइट पर उक्त विमान ट्रैक हो रहा था। सीएजी ने कहा कि यह वायुसेना के गोपनीय अभियानों के लिए गंभीर खतरा है।
गोपनीय मिशन पर उड़े नौसेना के विमान की लाइव ट्रैकिंग
![](https://surabhisaloni.co.in/wp-content/uploads/2018/08/U.S._Navy_Laser_Gun.jpg)
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