अहमदाबाद:कांग्रेस नेता और गुजरात में पाटीदार आंदोलन के अगुवा रहे हार्दिक पटेलफिलहाल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। गुजरात हाई कोर्ट ने 2015 के मेहसाणा दंगा केस में उन्हें मिली 2 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 के प्रावधानों के मुताबिक, वह चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं।
हार्दिक ने हाई कोर्ट के समक्ष अपील की थी कि लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए उन्हें सजा से छूट दे दी जाए। हालांकि हाई कोर्ट के पास अभी सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प खुला है। पिछले साल जुलाई में गुजरात की एक अदालत ने बीजेपी विधायक के दफ्तर पर हमला करने के आरोप में हार्दिक पटेल और उनके दो अन्य साथियों को दोषी ठहराया था। अदालत ने पटेल और उनके साथियों को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा उन्हें 50-50 हजार रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया था।
बता दें कि मेहसाणा के विसनगर में 23 जुलाई 2015 को बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ की गई थी। तोड़फोड़ का आरोप हार्दिक पटेल और उनके दो साथियों एके पटेल और लालजी पटेल पर लगा। मेहसाणा की जिला अदालत ने 2015 में इन तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट भी जारी किया था। हार्दिक पटेल के नेतृत्व में हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान बीजेपी विधायक के दफ्तर को निशाना बनाया गया था।
मेहसाणा दंगा केस: चुनाव नहीं लड़ पाएंगे हार्दिक पटेल
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