नई दिल्ली:वैज्ञानिकों के मुताबिक बाह्य सौर ग्रह यानी एक्सोप्लेनेट की संख्या 4,000 से ऊपर पहुंच गई है। ये बाह्य ग्रह दूरस्थ ग्रहों और तारों की परिक्रमा कर रहे हैं। दरअसल इतनी बड़ी संख्या हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा खोजे गए बाह्य ग्रहों के बाद है। लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इन हजारों ग्रहों में से एक पर भी जीवन की संभावना नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी ग्रह पर जीवन के लिहाज से सही परिस्थितियां नहीं है। यह बात पृथ्वी को जितना हम सोचते हैं उससे कई गुना खास बनाती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक सिर्फ कैप्लर-452बी इकलौता एक्सोप्लेनेट है, जिस पर जीवन के लिए संभावनाएं हो सकती हैं। हालांकि इस पर भी वैज्ञानिकों को सिर्फ संभावनाएं दिख रही हैं, इसकी कोई गारंटी नहीं है।
हाथ लगी बड़ी कामयाबी : एक्सोप्लेनेट की उपलब्धि से वैज्ञानिक बेहद खुश हैं। एक्सोप्लेनेट टीम के वैज्ञानिकों ने द एक्स्ट्रासोलर प्लेनेट इनसाइक्लोपीडिया वेबसाइट पर इसकी सूचना साझा की। वैज्ञानिकों ने अपडेट देते हुए लिखा कि यह जश्न की बात है कि हमारे डेटाबेस में 4,000 से अधिक बाह्य ग्रह हैं। इस संख्या में बहुत तेजी से इजाफा होगा। इस दिशा में तेजी से चल रहे काम के लिए शुक्रिया। यह बड़ी उपलब्धि पिछले 25 सालों से दूरबीन की मदद से जमीन और अंतरिक्ष पर की जा रही खोज का निष्कर्ष है। यह इस बात का भी संकेत है कि ग्रह कितने सामान्य हैं। हालांकि 30 साल पहले तक खगोल विज्ञानी इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं थे।
ग्रह की सतह का तापमान है महत्पूर्ण : वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर किसी ग्रह की सतह का तापमान तरल पानी के लिए सही होता है, तो आमतौर पर हम उसे जीवन की संभावनाओं वाला मानते हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि वह अपने तारे की कितनी परिक्रमा करता है।
पुष्टि के इंतजार में खोजे गए बाह्य ग्रह: नासा एक्सोप्लेनेट अर्काइव माइलस्टोन से सिर्फ 74 ग्रह दूर है। लेकिन 2018 में लॉन्च हुए नासा के टैस स्पेस टेलीस्कोप द्वारा खोजे गए 443 ग्रह अभी पुष्टि के इंतजार में हैं। वहीं नासा के कैप्लर स्पेस टेलीस्कोप के द्वारा 2,423 बाह्य ग्रह खोजे जा चुके हैं।
सुपर अर्थ जीआई 686 सबसे नया: नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक जो बाह्य ग्रह खोजे गए हैं उनमें अर्थ जीआई 686 बी सबसे नया है। इसे नासा के अर्काइव में जुड़ा हालिया बाह्य ग्रह बताया जा रहा है। यह एक बौने लाल तारे की परिक्रमा करता है। इन ग्रहों की खोज को एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
क्या है एक्स्ट्रासोलर प्लेनेट इनसाइक्लोपीडिया : द एक्स्ट्रासोलर प्लेनेट इनसाइक्लोपीडिया फ्रांस की वेबसाइट है, जिसे पेरिस वेधशाला संचालित करती है। इस वेबसाइट पर हर बाह्य ग्रह की सूचना को अपडेट किया जाता है। वेधशाला से जुड़े डॉ. फ्रेन्कोइनस रोक्यूस का कहना है कि सबसे बड़ी बात ये है कि हम तारों भरे आसमान से ग्रहों से भरे आसमान की तरफ शिफ्ट हो गए हैं। आसमान में तारों से ज्यादा ग्रह हो गए हैं। ग्रह प्रणालियों में संरचना की काफी विविधता है। बाह्य ग्रह एक, दो या अधिक तारों या ग्रहों की परिक्रमा कर रहे हैं।
चार हजार ग्रह खोजे, एक भी जीने लायक नहीं
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