इस्लामाबाद: भारतीय वायु सेना द्वारा तमाम सबूतों और साक्ष्य पेश किए जाने के बावजूद पाकिस्तान लगातार झूठ बोल रहा है। एक बार फिर पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि उसने भारत के खिलाफ अमेरिका निर्मित एफ-16 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल नहीं किया है। पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय वायु सेना ने उसके एफएफ-17 थंडर लड़ाकु विमान को ध्वस्त किया था। यह विमान चीन के साथ संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने सोमवार को एक बार फिर झूठ बालते हुए कहा कि उसने भारत के खिलाफ एफ 16 का इस्तेमाल नहीं किया। गफूर ने कहा कि 26 फरवरी को भारतीय जेट विमानों ने पाकिस्तानी हवाई पट्टी को नष्ट कर दिया था। भारतीय वायु सेना ने किसी भी बुनियादी ढांचे को नकुसान पहुंचाए बिना पाकिस्तानी सीमा में अपने पेलोड गिराए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने एफएफ-17 विमानों को इस्तेमाल किया था। बता दें कि भारत के खिलाफ एफ-16 के इस्तेमाल को अमेरिका ने बड़ी गंभीरता से लिया था। इस विमान के इस्तेमाल से पाक की बहुत किरकिरी हुई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने यह छिपाने के सारे जतन किए कि उसने भारत के खिलाफ अमेरिकी एफ-16 का प्रयोग नहीं किया। भारतीय वायु सेना ने एफ-16 के इस्तेमाल के सभी साक्ष्य दुनिया के सामने रख दिए। लेकिन एक बार फिर पाकिस्तानी सेना ने इसे नकारा है।
बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी कैंपों पर हमला किया और उनके कई कैंपों को ध्वस्त कर दिया। इसके प्रतिरोध में पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अमेरिकी निर्मित एफ-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। इस हमले में भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के एफ-16 को मार गिराया था। पाकिस्तानी सेना प्रवक्ता ने रूसी समाचार एजेंसी को दिए अपने एक साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान केवल भारत को यह एहसास दिलाना चाहता है कि वह किसी हमले का जवाब देना चाहता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास ऑपरेशन के फुटेज हैं।
पाकिस्तानी रेडियो ने इस साक्षात्कार का हवाला देते हुए कहा है कि युद्ध को रोकने के लिए पाकिस्तान के पास परमाणु शस्त्रागार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के पास यह क्षमता है कि वह क्षेत्र में पारंपरिक युद्ध की संभावना को समाप्त कर देती है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों के अप्रसार की दिशा में कदम उठाएगा, लेकिन यह तभी संभव है जब भारत भी ऐसा ही करे।
गफूर ने कहा कि पाकिस्तान रूस के उन सभी प्रयासों का स्वागत करता है, जो इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता ला सकते हैं। रूस के साथ सैन्य सहयोग पर पाकिस्तानी सेना प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान उड्डयन, वायु रक्षा प्रणाली और टैंक रोधी मिसाइलों के क्षेत्रों में मास्को के साथ रक्षा उद्योग सहयोग पर वार्ता कर रहा है। गफूर ने कहा कि शीत युद्ध का दौर समाप्त हो चुका है। अब पाकिस्तान की अमेरिका के साथ रूस और चीन के साथ भी मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
अमेरिका को मनाने के लिए F-16 के प्रयोग पर फिर झूठ बोला पाक, भारत ने पेश किए सभी साक्ष्य
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