मुंबई:जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। नरेश गोयल ने अपनी पत्नी अनिता के साथ मिलकर साल 1993 में एयरलाइन कंपनी की शुरुआत की थी। जेट एयरवेज को बैंकों की तरफ से 1,500 करोड़ रुपये तक का वित्त पोषण मिलेगा। वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज को अब बैंक की अध्यक्षता वाला बोर्ड चलाएगा। जेट एयरवेज के निदेशक मंडल में बैंक दो सदस्यों को नामित करेंगे और एयरलाइन के दैनिक परिचालन के लिये अंतरिम प्रबंधन समिति बनायी जाएगी।
गोयल की जेट एयरवेज में 51 फीसदी हिस्सेदारी घटकर 25.5 फीसदी पर आ गई है। फिलहाल जेट एयरवेज पर कई पब्लिक और विदेशी बैंकों का कर्ज है। इसमें पब्लिक सेक्टर बैंक में केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सिंडिकेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इलाहबाद बैंक शामिल हैं। इस लिस्ट में एसबीआई और पीएनबी का नाम भी जुड़ जाएगा। एयरलाइंस पर करीब 7 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। जेट के पायलट पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर 31 मार्च तक उनका बकाया नहीं दिया गया तो वह किसी फ्लाइट को नहीं उड़ाएंगे।
इससे पहले वित्तीय संकट से जूझ रही एयरलाइन जेट एयरवेज ने कुछ विमानो का परिचालन किराया न चुका पाने के कारण रोक दिया था। किराए का भुगतान नहीं कर पाने की वजह से कंपनी अब तक 23 विमान खड़े कर चुकी है।
अब तक जेट एयरवेज के बेड़े के करीब 20 प्रतिशत विमान परिचालन से बाहर हो गए हैं। कंपनी के मुताबिक, पट्टे समझौते के तहत पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों को पैसा नहीं दे पाने के चलते दो और विमानों को खड़ा करना पड़ा। इन विमानों के खड़े होने की वजह से नेटवर्क में जो भी दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें कम से कम करने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं और यात्रियों को इसकी जानकारी दी जा रही है।