नई दिल्ली: आज देश को जस्टिस पिनाकी घोष के रूप में पहला लोकपाल मिल गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की मौजूदगी में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलाई।
बता दें कि जस्टिस घोष के साथ न्यायिक सदस्यों के तौर पर जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी, जस्टिस अभीलाषा कुमारी, जस्टिस दिलीप बी. भोंसले और जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती को शामिल किया गया है। न्यायिक सदस्यों के साथ ही कमिटी में 4 और सदस्यों के तौर पर दिनेष कुमार जैन, अर्चाना रामसुंदरम, महेंद्र सिंह और इंद्रजीत प्रसाद गौतम भी रहेंगे।
जस्टिस पी. सी. घोष वर्तमान में राषट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य रह चुके हैं। जस्टिस घोष को मानवाधिकार कानूनों के जानकार के तौर पर भी जाना जाता है। आपको बता दें कि लोकपाल केंद्रीय सतर्कता आयोग के साथ मिलकर काम करेगा। लोकपाल सीबीआई समेत किसी भी जांच एजेंसी को आरोपों की जांच करने का आदेश दे सकेगा। इसके अलावा इसकी जांच के दायरे में प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री सांसद और सभी तरह के कर्मचारी आएंगे।
जस्टिस पी सी घोष के कुछ अहम फैसले
- जयललिता के खिलाफ आय से अधिक सम्पति के मामले में उन्होंने शशिकला समेत बाकी आरोपियों को दोषी करार देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। हालांकि फैसला सुनाए जाने से पहले तक जयललिता की मौत हो चुकी।
- जस्टिस राधाकृष्णन के साथ वाली बेंच में रहते हुए उन्होंने जल्लीकट्टू और बैलगाड़ी दौड जैसी परपंरा को पशुओं के प्रति हिंसा मानते हुए उन पर रोक लगाई।
- अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस मामले में जस्टिस रोहिंटन नरीमन के साथ बेंच में रहते हुए उन्होंने निचली अदालत को भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्णआडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह और बाकी नेताओ पर आपराधिक साजिश की धारा के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
- सरकारी विज्ञापनों के लिए दिशा निर्देश तय करने वाली बेंच के भी वो सदस्य थे।
- जस्टिस पीसी घोष, चीफ जस्टिस एच एल दत्तू और जस्टिस कलीफुल्ला के साथ उस बेंच के भी सदस्य थे, जिसने ये तय किया था कि केंद्रीय एजेंसी ( सीबीआई )की ओर से दर्ज मुकदमें में दोषी ठहराए गए राजीव गांधी के दोषियों की सज़ा माफी का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है।
- जस्टिस घोष उस संविधान पीठ के भी सदस्य थे, जिसने अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन के फैसले को पलटते गए वहां पहली की स्थिति को बहाल किया था।