भायंदर। साध्वी श्री अणिमा श्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा भवन में होली चातुर्मास के पावन अवसर पर मत्र पेरोडी कार्यशाला का शानदार आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों भाई बहनो ने उत्साह से भाग लिया।
साध्वी श्री अणिमा श्रीजी ने अपने प्रेरक उदबोधन में कहा होली का पवित्र सन्देश है जीवन में किसी भी परिस्थिति में चिंता को स्थान मत दो। चिंता को जला डालो । चिंता मुक्त का छोटा सा सूत्र है हो , ली । जो घटना होती थी। वह हो चुकी हैं उसका भार नही ढोना ही होली मानने की सार्थकता हैं। हमेशा प्रसन्न रहना । जीवन को आनन्द से भर सकता है। अंग्रेजी में होली शब्द पवित्रता के साथ जुड़ा हुआ है। हर व्यक्ति होली मैन तभी बन सकता है।जब भाव जगत में विचारों का विशुद्ध निर्भर प्रवहमान हो । जीवन मे न तो कभी स्थितिया एक जैसी रहती है और न समय अतः जो है जो मिला है उसे सहजता से स्वीकार कर लो । तभी आनंद से जीवन सरोबार होगा। भायंदर वासियों को हमारा होली चातुर्मास प्राप्त हुआ। पन्द्रह दिनों का अच्छा लाभ उठाया है। तेरापंथी सभा, युवक परिषद व महिला मंडल सक्रियता व जागरूकता से अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है। आध्यात्मिक रंगों से सबका जीवन रंगीला बन जाए।
साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने विविध जैन मन्त्रो एवं प्रभावशाली स्त्रोत का ओजस्वी स्वर में संगान किया। उन्होंने कहा मन्त्रो के विधवत व नियमित जप से व्यक्ति शरीरिक स्वास्थ्य , मानसिक प्रसन्नता व भाव जगत की निर्मलता व पवित्रता को प्राप्त कर सकता है। साध्वी कर्णिका श्रीजी एवं स्मतव्यशाजी ने भक्ताम्बर स्त्रोत का सस्वर परिषद के साथ संगान कर भक्ताम्बर की महत्ता प्रतिपादित की। साध्वी श्रीजी ने हाजरी का वाचन कर मर्यादाओं के प्रति सजग व जागरूक रहने की प्रेरणा दी। सभा अध्यक्ष प्रदीप बच्छावत व मंत्री माणक सालेचा, ने कहा साध्वी श्रीजी के आगमन से शेष काल मेभी चातुर्मास की बहार आ गई। आपकी प्रवचन शैली सभी को आकृष्ट एवं मन्त्रमुग्ध करने वाली है। आपने हमे होली चातुर्मास बग साया एवं दर्थ हार्दिक कृतज्ञता एवं आगामी विहार प्रवास की पूरे समाज की ओर से मंगलकामना। पुनश्च यही अनुरोध आपका पुनः आगमन इस क्षेत्र में हो यह क्षेत्र अध्यात्म से हारा भरा रहे।
भायंदर में होली चातुर्मास पर मत्र पेरोडी कार्यशाला का शानदार आयोजन
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