पटना (ईएमएस)। मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के असिस्टैंट प्रोफेसर संजय कुमार को शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर आलोचनात्मक फेसबुक पोस्ट करने के लिए कुछ लोगों ने उनकी जम कर पिटाई कर दी और उन्हें आग लगा कर जान से मारने की कोशिश की। इस हमले में प्रोफेसर संजय कुमार को गहरी चोटें आई हैं। उन्हें गंभीर रूप से घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां से उन्हें पटना के लिए रेफर कर दिया गया है। अटल बिहारी वाजपेयी की आलोचना करने से नाराज लोगों की भीड़ ने प्रोफेसर को जिंदा जलाने की कोशिश की। प्रोफेसर संजय कुमार ने बताया कि उन्हें वाइस चांसलर के खिलाफ बोलने को लेकर कुछ तत्वों ने काफी पहले से निशाने पर ले रखा है। फेसबुक पर उन्होंने कुछ भी ऐसा नहीं लिखा जिस पर इतनी तीव्र प्रतिक्रिया की जाए। उन्होंने कहा हमलावर विश्वविद्यालय के कुलपति के गुर्गे हैं। पूर्व के वीसी के खिलाफ हुए आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के समय से उन्हें ये लोग धमकी देते रहे हैं। शनिवार को फेसबुक पोस्ट को बहाना बना कर उन पर हमला किया गया।
दरअसल, संजय कुमार ने अपने फेसबुक पर अटल जी के निधन पर एक फेसबुक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें लिखा है कि अटल नेहरूवादी नहीं, बल्कि संधी थे। मोतिहारी के आजादनगर मोहल्ला में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में असिस्टैंट प्रोफेसर संजय कुमार ने इससे पहले एक और पोस्ट लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि, ‘भारतीय फासीवाद का एक युग समाप्त हुआ। अटल जी अंतिम यात्रा पर निकल चुके।’ प्रोफ़ेसर संजय अपने घर पर थे।
इसी दौरान उनके घर असमाजिक तत्वों ने हमला बोल दिया। प्रोफ़ेसर पर हमला करने वाले हमलावरों का आरोप है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ प्रोफेसर नें अभद्र शब्दों का प्रयोग कर सोसल मीडिया पर पोस्ट किया है। जिस कारण से वे आहत हैं। हमलावर असमाजिक तत्वों ने प्रोफेसर की जमकर पिटाई की। जिससे वे घायल हो गए। घायल स्थिति में प्रोफेसर को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को बीजेपी मुख्यालय में जब अटल जी का अंतिम दर्शन करने के लिए स्वामी अग्निवेश जा रहे थे, तब वहां कुछ लोगों ने उन पर भी हमला कर दिया था और उन्हें पीटा गया। उन्हें गद्दार भी कहा गया और गालियां भी दी गईं।
वाजपेयी की आलोचना लिखने पर प्रोफेसर की पिटाई, जिंदा जलाने की कोशिश
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