नयी दिल्ली:अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक करार दिया है। साथ ही, इस बात पर जोर देते हुए आईएमएफ ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान देश में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। लेकिन, इस दिशा में अभी और काफी कुछ किए जाने की जरूरत है।
पन्द्रहवें दिन पर होने वाली न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान आईएमएफ के कम्युनिकेशंस डायरेक्टर गेर्री राइस ने गुरूवार को पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत के आर्थिक विकास को लेकर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा- “भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जहां पर पिछले पांच वर्षों के दौरान औसत वृद्धि करीब सात फीसदी से ऊपर रही है।”
उन्होंने कहा- “महत्वपूर्ण सुधार लागू किए गए हैं और हम ऐसा मानते हैं कि भौगोलिक स्थिति के फायदे जो भारत में है, समेत उसे सतत उच्च विकास के लिए और अधिक सुधार की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में विस्तृत चीजों अगले महीने होने जा रही वर्ल्ड बैंक की वार्षिक बैठक से पहले आईएमएफ की तरफ से जारी वर्ल्ड इकॉनोमिक आउटलूक (डब्ल्यूईओ) सर्वे रिपोर्ट में की जाएगी। यह भारतीय मूल की अमेरिकी गीता गोपीनाथ के नेतृत्व में पहली रिपोर्ट होगी। गीता गोपीनात अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की चीफ इकॉनोमिस्ट हैं।