मुंबई। साध्वी श्री अणिमा श्रीजी एवं साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ठाणा 6 के सान्निध्य में भायंदर महिला मंडल के तत्वावधान में अखिल भारतीय तेरापन्थ महिला मंडल द्वारा नारी सशक्तिकरण सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें अच्छी संख्या में भाई बहनों ने भाग लिया। साध्वी श्री अणिमा श्रीजी ने अपने प्रेरणादायी उदबोधन में कहा विकास की पहली सीढ़ी है शक्ति का जागरण । विकास यात्रा की उपलब्धि है शक्ति का सम्यक नियोजन की सशक्तिकरण का मार्ग है। महिला स्वयं ही शक्ति का पुज्ज है, वह अपने भीतर आदर सत्कार , सम्मान प्रेम व आनंद के भाव जगाए। अपने संस्कारो की सुगंध से वातावरण को सरस बनाए। अपने मृदु व मधुर व्यवहार से आगत अभ्यागत , समागत व परिवार के हर सदस्य के दिल मे अपना स्थान बनाए। संयम सौहार्द सामंजस्य व सन्तुलन के फूलों से जीवन वाटिका को सजाले। समता , ममता, सहजता, सरलता, सहिष्णुता के इंद्रधनुषी रंग से जीवन को रंगीन बनाले। बस इतने मात्र से उनकी तकदीर व तस्वीर दोनों बदल जाएगी। नारी हर क्षेत्र में सशक्त बन जाएगी।
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञा जी ने कहा नारी सशक्तिकरण की इस दौड़ में महिलाओं ने घर से बाहर निकलकर धरती से अंतरिक्ष तक अपनी सफलता व दक्षता के परचम लहराए है। महिलाओं के कर्तव्य की पतंग ऊची ऊची उड़ती जा रही है। यह उड़ान तभी तक सुरक्षित है जब इसकी चरित्र रूपी डोर नैतिक मूल्यों की चरखी से जुड़ी रहेगी।
साध्वी सुधाप्रभाजी ने मंच संचालन करते हुए कहा महिला अपने संस्कारो से सशक्त बने ताकि अपने नोनिहलो को संस्कारित कर नई पीढ़ी का सुंदर निर्माण कर सके । सशक्त बने अपने सुंदर स्वभाव व मृदु व्यवहार से ताकि खुशहाल परिवार का निर्माण हो सके । सशक्त बने उन्नत आचार विचार व गहन चिंतन से ताकि हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान गढ़ सके।
साध्वी स्मतव्यशाजी ने गीत का संगान किया। संयोजिका सुमन नाहटा ने स्वागत भाषण दिया। पूर्व महापौर गीता जैन नारी सशक्तिकरण की सुंदरता व्यक्त की। भायंदर महिला मण्डल ने सुमधुर मंगल संगान किया। विधा नाहर, पूनम पुगलिया, दीपिका बुच्चा, संगीता सालेचा, लीला रांका , समता बैद, हेमा जैन ने नारी सशक्तिकरण पर सुंदर प्रस्तुति दी। गीता जैन व ममता छाजेड़, का महिला मण्डल द्वारा सम्मान किया गया।
भायंदर में नारी सशक्तिकरण सेमिनार का आयोजन
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