केरल: गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वर, गुरु साक्षात् परमं ब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: ये सिर्फ केवल शब्द ही मात्र नही हैं ये अपने में गुरु का वो स्वरूप है जिसके आगे सब कुछ बौना साबित होता हैं। गुरु की विशालता, महानता, व्यापकता शब्दों में पिरोया नहीं जा सकता हैं। गुरु ही जीवन की नाव को सही दिशा प्रदान करता हैं। गुरु ही सही गलत का फर्क समझता हैं। ऐसे ही एक जगत गुरु है। जिनके जीवन का एक मात्र लक्ष्य है अहिंसा, अहिंसा सिर्फ और सिर्फ अहिंसा। अपने इसी लक्ष्य को गतिशील बनाये रखने के लिए 15 हज़ार किलोमीटर से भी ज्यादा की दूरी पद यात्रा के माध्यम से तय कर चुके हैं। नैतिकता, सद्भावना और नशामुक्त जीवन मानव जिए यही मूलमंत्र है उनके जीवन का।
हम बात कर रहे हैं श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्म संघ के 11वे आचार्य श्री महाश्रमण जी की। जिनके अहिंसा यात्रा के चार दिन का साक्षी बना डोम्बिवली तेरापंथ समाज। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया एवं महामंत्री संदीप कोठारी के मार्गदर्शन में युवा वाहिनी के अंतर्गत तेरापंथ युवक परिषद डोम्बिवली के अध्यक्ष ललित सिंघवी, मंत्री सुरेश बैद, कोषाध्यक्ष ललित परमार के नेतृत्व और संयोजक राकेश कोठारी, सह संयोजक ललित मेहता के संयोजन में तेयुप डोम्बिवली, तेरापंथी सभा डोम्बिवली, महिला मंडल, कन्या मंडल और किशोर मंडल आचार्य श्री महाश्रमण जी की केरल अहिंसा यात्रा में 56 श्रावकों की टीम ने अपनी सहभागिता दर्ज करवाई। इन चार दिनों की रास्ते की सेवा का लाभ तो सभी ने लिया ही उसके साथ साथ अपने आराध्य के श्री चरणों में रहने का लाभ भी प्राप्त किया। सेवा, संस्कार और संगठन की टैग लाइन के तहत आयोजित की गई डोम्बिवली तेयुप द्वारा गुरुशरणं यात्रा अपने आप में सफलतम यात्रा रही। इस यात्रा के दौरान गुरुदेव की रास्ते की सेवा, उनके प्रवचन का लाभ, चारित्रात्माओ के दर्शन सेवा का लाभ, साथ ही अपने जिज्ञासाओं का समाधान संतों के सानिध्य में आयोजित कार्यशालाओं में किया। आचार्य श्री के विशेष सेवा दर्शन और जिज्ञाशा समाधान का अवसर प्रदान हुआ। वहीं साध्वी प्रमुखा श्री कनक प्रभा जी के साथ साथ मुख्य मुनि महावीर कुमार जी, मुनि श्री योगेश कुमार जी, मुनि श्री कुमार श्रमण जी मुनि श्री सत्य कुमार जी, साध्वी वर्या जी का भी विशेष मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
तेयुप डोम्बिवली अध्यक्ष ललित सिंघवी, मंत्री सुरेश बैद और कोषाध्यक्ष ललित परमार की माने तो यह अहिंसा यात्रा उनमें एक अलग सी उर्जा का संचार मानो कर गया हो। जिस आनन्द की प्राप्त गुरुशरणं यात्रा से हुई है उसे शब्दों में बयां नही किया जा सकता हैं। जिनकी एक झलक पाने के लिए श्रावक लालायित रहता है उनके साथ चलना, उनके चरण स्पर्श करने का अवसर प्राप्त होना, उनकी अमृत वाणी से मार्गदर्शन मिलना अपने आप में अमूल्य हैं। अभातेयुप सदस्य जगदीश परमार ने कहा कि पिछले तीन सालों से इस सेवा का हिस्सा रहा हूँ जो सुख और मन को शांति मिलती हैं वो कही और मुझे आज तक नहीं मिल पाई हैं। सच कहूँ तो भगवान को करीब से समझने देखने जानने का अवसर इससे अच्छा नही हो सकता हैं। सभा अध्यक्ष सुरेश सिंघवी और मंत्री कैलाश सियाल ने कहा कि यात्राएं बहुत की जीवन में पर गुरुशरणं यात्रा जीवन की अमूल्य यात्रा साबित हुई। जिस ऊर्जा की अनुभूति हुई उसे मैं शब्दों में कह सकूं इतनी बुद्धि नहीं हैं। चार दिनों में जो पल जिये है वो स्मृतिपटल पर हमेशा विद्यमान होंगे। महिला मंडल संयोजिका सरोज सिंघवी और सह संयोजिका पिंकी परमार ने कहा कि हमने भगवान के बारे में सुना तो बहुत था पर भगवान होते कैसे है और दिखते कैसे है वो इन चार दिनों की यात्रा में अनुभव किया। यह यात्रा अपने आप में अद्भुत, अकल्पनीय हैं। संयोजक राकेश कोठारी और सह संयोजक ललित मेहता ने कहा कि हमारे तो भाग्य खुल गए कि हमे भगवान के रास्ते की सेवा में कुछ करने का अवसर प्राप्त हुआ। गुरुदेव के सम्मुख अपने भावों को रखना अपने आप में अद्भुत क्षण थे। इस यात्रा में शामिल हुआ हर श्रावक अपने अंदर एक अलग से आंनद की अनुभूति कर रहा हैं।
वही इस यात्रा में युवाओं को बल प्रदान करने के लिए अभातेयुप के राष्ट्रीय अध्यक्ष विमल कटारिया और महासभा के पूर्व राष्ट्रीय किशनलाल डागलिया ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। डोम्बिवली तेयुप टीम एवं भरत कोठारी एवं दिलीप बडाला के संयोजन में माता पिता को केंद्रित करते हुए 15 अप्रैल को होने वाले बागबान कार्यक्रम के पैम्पलेट का अनावरण आचार्य श्री के सम्मुख किया गया। साथ ही उसकी एक प्रति विमल कटारिया को भी दी गई। बहरहाल इस यात्रा में कैमरा मैन के रूप में मनीष केलकर की विशेष सेवा रही। साथ ही गुरु शरणम यात्रा में आतिथ्य प्रायोजक के तौर पर श्रद्धा की प्रतिमुर्ति स्व.श्रीमती मोहनीदेवी भैरुलालजी परमार, श्रीमती रेखाजी जगदीशजी परमार एवं Water bottle प्रायोजक श्री विकासजी रतनलालजी कोठारी और Pen pencil set प्रायोजक श्रीमती लताजी राजकुमारजी हिरावत परिवार का परिषड़ की ओर से मोमेंटो दे कर सम्मानित किया गया।