लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती के सख्त रुख को देखते हुए भले ही कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में गठबंधन की खातिर सात सीट छोड़ दी है, लेकिन बसपा मुखिया को यह नागवार लग रहा है।
कांग्रेस के सपा-बसपा-रालोद के लिए सात सीटें छोडऩे पर मायावती ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन को लेकर प्रदेश में गलत संदेश न फैलाने का प्रयास करे। गठबंधन को लेकर कांग्रेस का गलत संदेश फैलाना एक साजिश सा लगता है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने कल ही शाम को सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के लिए सात सीट छोडऩे का ऐलान किया तो मायावती ने साफ कर दिया कि कांग्रेस जबरदस्ती यूपी में गठबंधन के लिए सात सीट छोडऩे की भ्रान्ति न फैलाएं।
उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि बीएसपी एक बार फिर साफ कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने साफ कहा कि हमारे लोग कांग्रेस पार्टी के आए दिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई न आयें।
मायावती से साफ कर दिया कि अब कांग्रेस उत्तर प्रदेश में भी पूरी तरह से स्वतंत्र है कि वह यहां की सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करके अकेले चुनाव लड़ें। हमारा गठबंधन उत्तर प्रदेश में भाजपा को अकेले हराने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।
लखनऊ में कल उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राज बब्बर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के लिए सात सीट पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इन सीटों में मैनपुरी, कन्नौज, आजमगढ़, के साथ फिरोजाबाद, मुजफ्फरनगर व मथुरा की सीट शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस उन सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतारेगी जहां से मायावती, आरएलडी के अजित सिंह और जयंत चौधरी चुनाव लड़ेंगे।
उत्तर प्रदेश में सात सीट छोड़कर भ्रम न फैलाए, कांग्रेस से कोई गठबंधन नहीं:मायावती
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