नई दिल्ली। केरल में बारिश से जलप्रलय आ गई है, इस जलप्रलय ने अब तक 324 लोगों की जान ले ली है जबकि 50,000 से अधिक लोग फंसे हैं। इन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से राहत कार्य जारी है। केरल के इस बारिश और बाढ़ ने पिछले 100 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सूबे के हालात बेहद बदतर हो गए हैं। सूबे के करीब तीन लोग बेघर हो गए हैं, जिनको 1500 से ज्यादा राहत कैंपों में रखा गया है। शुक्रवार को स्थिति का जायजा लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे।
मीडिया खबरों के अनुसार, 14 जिलों में से 12 जिलों में रेडअलर्ट जारी किया गया है। कासरगोड़ और तिरुवनंतपुरम जिलों में शुक्रवार को रेडअलर्ट हटा लिया गया है। वहीं, हजारों लोग अभी भी ऊंची इमारतों पर बैठे हैं और बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अकेले एर्नाकुलम और त्रिशूर शिविरों में 50,000 से अधिक लोग फंसे हैं।
वायुसेना के जवान केरल में कुदरत के कहर से लोगों को बचाने में लगे हुए हैं। सबसे बड़ी तबाही के बीच चल रहे सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन में बाढ़ के बाद घरों की छतों पर फंसे लोगों को सकुशल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश के एक इलाके में साउदर्न एयर कमांड के जवानों ने एक ऐसे ही ऑपरेशन को अंजाम दिया। यहां बाढ़ में घिरे घर की छत से लोगों को एयरलिफ्ट किया गया।
तबाही ऐसी है कि जल और जमीन का अंतर ही मिट गया है और पूरा का पूरा शहर समंदर में तब्दील हो चुके हैं। सड़कों पर नावें दौड़ रही हैं। अलेप्पी इलाके में आईटीबीपी ने बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और जवानों ने सैलाब में फंसे करीब 500 लोगों को कड़ी मशक्कत के बाद मौत की लहरों के बीच से बाहर निकाला। रस्सी के सहारे लोगों को सही सलामत बेकाबू लहरों के बीच से बाहर निकाला गया।
इस तबाही में अब तक 324 लोगों की मौत हो चुकी है। केरल में मानसूनी बारिश और बाढ़ के कारण शुक्रवार को एक ही दिन में 106 लोगों की मौत के बीच राज्य में ऑक्सीजन की कमी और ईंधन स्टेशनों में ईंधन नहीं होने के कारण संकट और गहरा हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बीते 8 अगस्त से अब तक केरल में जल प्रलय ने 173 लोगों की जान ले ली है।
अब तक राहत और बचाव के काम में जुटी टीमों ने करीब 82 हजार, 442 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। इनमें 71,000 से ज्यादा लोग बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित एर्नाकुलम जिले के अलुवा क्षेत्र से थे. 223,139 लोग राहत शिविरों में शरण ले चुके हैं। युद्धस्तर पर जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में नेवी की 46, एयरफोर्स की 13 और आर्मी की 18 टीमों के साथ 16 कोस्ट गार्ड और 21 एनडीआरएफ की टीमें दिन-रात लोगों को बचाने में जुटी हुई हैं।
तीनों सेनाओं के अलावा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के जवानों ने छतों और ऊंची जगहों पर फंसे लोगों को सुरक्षित जगहों। पर ले जाने का दुरूह काम आज फिर से शुरू किया। पहाड़ी इलाकों में पहाड़ के हिस्से जमीन पर गिरने से सड़क जाम हो रहे हैं, जिससे बाकी जगहों से उनका संपर्क टूट जा रहा है। द्वीप की शक्ल ले चुके कई गांवों में फंसे लोगों को निकालने का अभियान भी जारी है।
इस बीच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने भी केरल में बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। UAE एक कमेटी बनाने जा रही है। शेख खलिफा ने नेशनल इमरजेंसी कमेटी का गठन का निर्देश दिया है जिससे पीड़ित लोगों को सहायता पहुंचाई जा सके।
केरल में जलप्रलय का कहर, 324 की मौत, करीब 3 लाख बेघर, हजारों फंसे, राहत कार्य जारी
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