नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने असम में कार्यरत विदेशी न्यायाधिकरणों के अपर्याप्त होने के मामले में राज्य सरकार को बुधवार को आड़े हाथ लिया और उसे 27 मार्च इस संबंध में हलफनामे पर विस्तृत विवरण दाखिल करने का निर्देश दिया।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ को असम सरकार ने सूचित किया कि पिछले दस साल में विदेशी न्यायाधिकरण ने 50,000 से अधिक नागिरकों को विदेशी घोषित किया है।
असम सरकार की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य के छह हिरासत शिविरों में करीब 900 लोगों को रखा गया है। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार को स्पष्ट रूप से बताना होगा कि क्या राज्य में कार्यरत विदेशी न्यायाधिकरण पर्याप्त हैं और वे किस तरह से काम कर रहे हैं।
इसने कहा कि इस समय वह असम के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिये जोर नहीं दे रही है, परंतु वह सरकार से हलफनामे के माध्यम से जानना चाहती है कि राज्य में कार्यरत विदेशी न्यायाधिकरण पर्याप्त हैं या नहीं।