नई दिल्ली :पुलवामा आतंकी हमले की जांच में दौरान भारत को पुख्ता सबूत मिले हैं कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन ही इसमें शामिल था। हालांकि जैश ने खुद भी इस हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया था।
इस सबूत में आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार के कबूलनामे का वो वीडियो है जिस पाकिस्तान के रावलपिंडी से अपलोड किया गया था। भारत को जांच के दौरान जब इस वीडियो को इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी ऐडस) जांच तो पता चला कि इसे रावलपिंडी से अपलोड किया गया है। भारत ने पुलवामा हलमे की साक्ष्य पाकिस्तान और अन्य देशों के शीर्ष राजनयिकों (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों सहित) को सौंप दिया है। क्योंकि नई दिल्ली एक बार फिर से पाकिस्तान को आतंकवादी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने और उसके नेता मसूद अजहर को यूएनएससी में वैश्विक आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करना चाहती है।
यूएनएससी में मसूद अजहर को लेकर 13 मार्च को फैसला होगा। वहीं भारत ने जो साक्ष्य पाकिस्तान के साथ साझा किए हैं, उन पर पड़ोसी देश की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने UNSC में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव का नेतृत्व कर रहे हैं। चीन ने इस मामले में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। अगर वह अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर तीन महीने की रोक लगा सकता है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए सबूतों और हिंदुस्तान टाइम्स द्वारा देखे गए सबूतों के अनुसार, जांच से पता चलता है कि जैश के प्रवक्ता मोहम्मद हसल से जुड़े व्हाट्स एप नंबर 7006250771 का इस्तेमाल आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने के लिए किया गया था। यह नंबर आखिरी बार व्हाट्सएप पर 14 फरवरी 2019 की शाम 4.42 बजे एक्टिव हुआ था जिसका आईपी एड्रेस 103.255.7.0 है। इस आईपी को रावलपिंडी के पास एक स्थान पर ट्रैक किया गया था।
साक्ष्य के अनुसार, सुसाइड बॉम्बर का इकबालिया बयान सोशल नेटवर्किंग साइट्स अपलोड करने के लिए भारतीय टेली-सेलेक्टर का इस्तेमाल किया। इसी टेली सेलेक्टर का इस्तेमाल कर डार का वीडियो प्रो-जेएम टेलीग्राम चैनल ‘अफ़ज़ल गुरु स्क्वाड-अल इस्लाम’ में भी अपलोड किया गया। डार काकापोरा का रहने वाला था और 19 मार्च 2018 से अंसार ग़ज़वत उल हिंद का सक्रिय आतंकवादी था। वहीं जैश के प्रवक्ता ने भी 2015 में तंगधार में एक सेना की ब्रिगेड पर हमले के लिए समूह की जिम्मेदारी का दावा किया था।
सबूतों के मुताबिक, पुलवामा हमले की साजिश जेएम प्रमुख मसूद अजहर और उसके छोटे भाई अब्दुल रऊफ असगर ने बनाई थी, जो आतंकवादी गुट के डे फैक्टो का ऑपरेशनल कमांडर था। इन्होंने अपने परिवार के सदस्य तल्हा रशीद की मौत का बदला लेने के लिए हमले की योजना बनाई थी। तल्हा मसूद अजहर के बहनोई अब्दुल रशीद का बेटा था। तलहा रशीद को 6 नवंबर, 2017 को पुलवामा के कंडी अगलर में भारतीय सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था। राऊफ असगर के करीबी विश्वासपात्र/अंगरक्षक मोहम्मद इस्माइल और मसूद अजहर के बड़े भाई इब्राहिम अजहर के पुत्र मोहम्मद उमर को 2018 में भारत में घुसपैठ कराई थी। इब्राहिम अजहर के दूसरे बेटे उस्मान हैदर को घाटी में घुसपैठ के कुछ दिनों के भीतर 30 अक्टूबर 2018 को त्राल, अवंतीपोरा, पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया था। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि जैश ने भारत के खिलाफ घाटी में अधिक युवा लोगों को कट्टरपंथी बनाने और आतंकी हमलों के लिए धन जुटाने के लिए तल्हा रशीद और उस्मान हैदर की हत्या को भुनाया था।