मुंबई : अहिंसा यात्रा के सारथी आचार्य श्री महश्रमण जी की विदुषी शिष्या शासन श्री साध्वी श्री सोमलता जी ने अपने दैनिक प्रवचन में कहा पॉजिटिव चिंतन से राष्ट्रीय , सामाजिक और मानवीय संबंधों में मधुरता आ सकती हैं। पॉजिटिव चिंतन सबको मैत्री के धागे में बांधता हैं। मैत्री की भावना विकास और प्रगति का दरवाजा खोलता हैं। जबकि नेगेटिव विचार एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र के मध्य और पारिवारिक रिश्तों में दूरियां करते हैं। इसलिए हमेशा सकारत्मक भावों में जीकर जीवन को खुशहाल बनाये और राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दे। साध्वी श्री सोमलता जी ने घाटकोपर के वरिष्ठ श्रावकों के निवेदन पर होली चातुर्मास घाटकोपर करने की घोषणा की तो सब पुलकित हो उठे। सिरियारी संस्थान के अध्यक्ष ख्यालीलाल तातेड़ ,मुंबई सभा अध्यक्ष नरेंद्र तातेड़, संपत चोरडिया, सभा उपाध्यक्ष सुरेश राठौड़, विमल सोनी, ख्यालीलाल मादरेचा ,कुंदनमल कोठारी ,महेंद्र तातेड़ ,गोटुलाल वडाला, चांदमल सोलंकी, सुरेश तातेड़, रमेश कोठारी, रमेश चौधरी, प्रकाश देवी तातेड़, कांता तातेड़,महिला मंडल संयोजिका मंजू कुमठ, सह संयोजिका भावना चपलोत, आशा तातेड़, तेयुप अध्यक्ष लोकेश डांगी, मंत्री राकेश बडाला,कोषाध्यक्ष जितेश धाकड़, श्रवण चोरड़िया ,दिवेश सिसोदिया, भीमराज सुराणा, कमलेश चोरडिया, राजेश कुमठ, मुकेश धाकड़, राजेश धाकड़ आदि गणमान्य व्यक्तियों ने साध्वी श्री जी के प्रति कृतग्यता ज्ञापित की। प्रति दिन प्रवचन सुबह 9:15 am से 10 :30 am तक होगा।