श्रीनगर: पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के मास्टरमाइंड को सुरक्षाबलों ने रविवार को त्राल में हुई मुठभेड़ में मार गिराया। पुलवामा हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मुदस्सर अहमद खान उर्फ मोहम्मद भाई का दिमाग था। 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से अब तक सुरक्षाबलों ने जैश के 18 आतंकियों को मार गिराया है।
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि त्राल के पिंगलिश इलाके में रविवार शाम से शुरू हुई मुठभेड़ सोमवार सुबह तक चली। इसमें जैश का आतंकी मुदस्सर अहमद खान के साथ एक अन्य आतंकी मारा गया। उसकी पहचान नहीं हो पाई है। पहले उसे सज्जाद बट बताया गया था, जिसकी कार का इस्तेमाल पुलवामा हमले में किया गया था। बट के शव को अधिक जल जाने की वजह से उसके परिजन नहीं पहचान पाए और उसे लेने से इनकार कर दिया। मुदस्सर के शव को उसके परिवार वालों ने ले लिया और बाद में उसे दफना दिया गया।
15वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लो ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मुदस्सर अहमद खान पुलवामा हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद 21 दिनों में जैश-ए-मोहम्मद के 18 आतंकी मारे जा चुके हैं। जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (ऑपरेशंस) जुल्फीकार हसन ने बताया कि त्राल में मारे गए दो आतंकियों में एक मुदस्सर अहमद खान उर्फ मोहम्मद भाई था। पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर रेंज) स्वयंप्रकाश पाणि ने कहा कि मारा गया दूसरी आतंकी पाकिस्तानी हो सकता है। उसकी पहचान की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से कुछ सामग्री मिली है जिन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) से साझा किया जाएगा।
पुलवामा हमले की जांच कर रही एनआइए ने 27 फरवरी को मुदस्सर के घर की तलाशी ली थी। पुलवामा हमले में जिस मिनी वैन का इस्तेमाल किया गया था। उसे दस दिन पहले ही लाया गया था। इस हमले के बाद से ही दक्षिण कश्मीर के बिजबिहाड़ा का रहने वाला सज्जाद बट फरार है। उसके भी आतंकी संगठन में शामिल होने की आशंका है।