इस दुनिया में शायद ही कोई इंसान होगा जिसके जीवन में कठिनाइयां ना हों। लेकिन हर कठिनाई के साथ एक अच्छा सबक छिपा होता है। इतिहास गवाह है कि जिस व्यक्ति ने अपनी कठिनाइयों का सामना करके उनसे पार पाया है वही आगे जाके सफल हुआ है। स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि अगर कोई शख्स आपकी सच्ची मदद कर सकता है तो वो हैं खुद आप। ठंडे दिमाग से काम लीजिए और फिर देखिए आप खुद ही अपनी समस्या का समाधान कर लेंगे।
समस्या मेरे साथ ही क्यों?
बहुत सारे लोग अक्सर मन ही मन खुद को कोसते हैं कि सारी समस्यांए मेरे साथ ही क्यों होती हैं? लेकिन ये सच नहीं है- दरअसल हर इंसान को अपनी समस्या ही सबसे बड़ी लगती है और ऐसा इसलिए है क्योंकि आप दूसरे लोगों की परेशानियों को नहीं जानते। एक बात हमेशा ध्यान रखिए कि समस्या को आसान मान लें तो वो वास्तव में आसान लगने लगती है और मुश्किल मान लें तो समस्या खुद ब खुद बड़ी लगने लगती है।
जिंदगी एक क्रिकेट का गेम है
हमारी जिंदगी एक क्रिकेट के खेल की तरह है और क्रिकेट की बॉल कठिनाइयों की तरह। अगर आपको रन बनाने हैं तो बॉल का सामना तो करना ही होगा। बॉल से डरिए नहीं बल्कि आगे बढ़कर एक लंबा छक्का लगाइए।
कठिनाइयों के छिपे होते हैं अच्छे अवसर
आसान काम तो हर कोई कर लेता है, मजा तो तब आता है जब आप किसी बहुत कठिन काम को सफलतापूर्वक पूरा करें। जब कठिनाई आए तो यही सोचें कि आसान काम तो हर कोई कर लेता है, मुझे तो कठिनाइयों को हराना है। हमेशा याद रखें हर कठिनाई के पीछे बहुत सारे बड़े अच्छे अवसर छिपे होते हैं।
दोस्तों के साथ करिए कठिनाइयां शेयर
कई बार परेशानी आने पर हमारा दिमाग सही से काम नहीं कर पाता, तो अपने करीबी मित्र या परिवार के लोगों से समस्या शेयर करने में झिझकना नहीं चाहिए। क्या पता आपकी परेशानी भी बहुत छोटी हो जिसका हल आपके दिमाग में नहीं आ रहा हो।