जाबा:पाकिस्तान बालाकोट में जैश ए मोहम्मद के आतंकी शिविरों में भारतीय वायुसेना के हवाई हमले से हुई तबाही को लगातार छुपाने की कोशिश कर रहा है। इसी के चलते पाकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने विदेशी मीडिया को गुरुवार को बालाकोट में जैश के शिविर के पास जाने से फिर रोक दिया।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने बालाकोट में स्थित जाबा टॉप पर चढ़ने की कोशिश कर रहे अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स की टीम को सुरक्षा कारणों का हवाला देकर वहां जाने से रोक दिया। हालांकि पाकिस्तान की ये सुरक्षा चिंताएं क्या हैं इसकी जानकारी उन्होंने नहीं दी। भारत के हमले के बाद पाकिस्तान ने इस इलाके के आसपास कड़ा पहरा लगा दिया है और किसी को भी ऊपर जाने की इजाजत नहीं है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी की देर रात इसका बदला लिया था। भारतीय वायुसेना के विमान मिराज ने इस दौरान बालाकोट के जाबा पर जैश ए मोहम्मद के आतंकी शिविर पर बम बरसाए था। इस दौरान बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की खबर आई थी। वहीं पाकिस्तान ने नुकसान होने से इनकार किया था।
नौ दिन में तीसरी बार बैरंग लौटाया
बालाकोट में हमले की जगह पहुंचने की कोशिश कर रहे रॉयटर्स के पत्रकार पिछले नौ दिनों में तीसरी बार जाबा टॉप पर पहुंचने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन तीनों ही बार पाकिस्तानी अधिकारियों ने रॉयटर्स के पत्रकारों का रास्ता रोक दिया। इस्लामाबाद में सेना के प्रवक्ता ने विदेशी मीडिया को इस जगह पर दो बार ले जाने का वादा किया था, लेकिन दोनों ही बार खराब मौसम और दूसरी दिक्कतों का हवाला देकर इस दौरे को टाल दिया गया। सेना के प्रवक्ता ने कहा है कि सुरक्षा कारणों की वजह से कुछ दिन और तक यहां का दौरा संभव नहीं हो पाएगा। यह दिलचस्प है कि एक तरफ पाकिस्तान भारत के हमले में किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचने का दावा कर रहा है वहीं दूसरी ओर अतंरराष्ट्रीय मीडिया को वहां जाने से रोक रहा है।
पेड़ों से घिरा है मदरसा
रॉयटर्स के पत्रकारों टीम ने बताया कि उन्होंने लगभग 100 मीटर दूर से पहाड़ी की तलहटी से उस जैश के मदरसे को देखने की कोशिश की। लेकिन यहां से देवदार के पेड़ों के बीच घिरे उस मदरसे की धुंधली तस्वीर ही उन्हें दिखी। रॉयटर्स ने कहा कि उन्हें नीचे से मदरसे को हुए नुकसान का कोई अंदाजा नहीं हो पाया। हालांकि उन्होंने कहा कि अब उस मदरसे के पास कोई गतिविधि नहीं हो रही है। आस-पास मौजूद लोगों ने बताया कि यहां पर एक स्कूल था लेकिन उसे पिछले साल जून में भी बंद कर दिया गया था। हालांकि रॉयटर्स ने बताया कि पूर्व में जब उनकी टीम यहां आई थी तो उन्हें स्थानीय लोगों ने बताया था कि इस मदरसे को जैश-ए-मोहम्मद द्वारा ही चलाया जाता था।
बालाकोट एयरस्ट्राइक: जैश की तबाही छुपा रहा है पाकिस्तान, मीडिया को जाने से रोका
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