अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए इस केस को तीन सदस्यीय पैनल के पास भेज दिया। रिटायर्ड जस्टिस की अगुवाई में इस पैनल को चार हफ्ते में मध्यस्थता की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा गया है जबकि इसे आठ हफ्ते में खत्म करने का आदेश दिया गया है।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट की निगरानी में मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी तरह से गोपनीय रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मीडिया में मध्यस्थता की प्रक्रिया की रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध रहेगा।
तीन सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस खलीफुल्ला करेंगे जबकि उनके साथ श्री श्री रविशंकर और श्रीराम पांचू होंगे। आइये बताते हैं पैनल में शामिल ये कौन है तीन लोग-
1-श्रीश्री रविशंकर
आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर को मध्यस्थता के सदस्य के तौर बोर्ड में शामिल किया गया है। श्रीश्री रविशंकर आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन के संस्थापक है और उन्होंने इससे पहले भी अयोध्या मुद्दे का समाधान कराने की कोशिश की थी। हालांकि, उस वक्त उन कोशिशों में वह सफल नहीं हो पाए थे। श्री श्री रविशंकर तमिलनाडु के रहनेवाले हैं।
श्रीश्री रविशंकर का जन्म भारत के तमिलनाडु राज्य में 13 मई 1956 को हुआ था। उनके पिता का नाम व वेंकट रत्नम् था जो भाषाकोविद् थे और उनकी माता श्रीमती विशालाक्षी एक सुशील महिला थीं। आदि शंकराचार्य से प्रेरणा लेते हुए उनके पिता ने उनका नाम रखा ‘रविशंकर’ था। रविशंकर शुरू से ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे। मात्र चार साल की उम्र में वे श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ कर लेते थे। बचपन में ही उन्होंने ध्यान करना शुरू कर दिया था। उनके शिष्य बताते हैं कि फीजिक्स में अग्रिम डिग्री उन्होंने 17 वर्ष की आयु में ही ले ली थी।
2-रिटायर्ड जस्टिस एफ.एम खलीफुल्ला
रिटायर्ड जस्टिस एफ.एम. खलीफुल्ला को कोर्ट की निगरानी में गठित पैनल का अध्यक्ष बनाया गया है। जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्ला का जन्म कराईकुड़ी, तमिलनाडु में सन् 23 जुलाई 1951 को हुआ था। 2011 में राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने हाईकोर्ट के जस्टिस फकीर मोहम्मद इब्राहिम खलीफुल्ला को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट का कार्यवाहक चीफ जस्टिस नियुक्त किया था। इससे पहले जस्टिस इब्राहिम मद्रास हाईकोर्ट में स्थायी जज थे। 24 फरवरी 2011 को उन्होंने जेएंडके हाईकोर्ट के जज के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। साल 2012 में चीफ जस्टिस एफएम इब्राहिम खलीफुल्ला को पदोन्नत कर सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस बनाया गया था।
3-श्रीराम पांचू
अयोध्या विवाद की मध्यस्था के लिए गठित पैनल में सीनियर वकील श्रीराम पांचू का भी नाम शामिल है। वह द मेडिएशन चेम्बर्स के संस्थापक हैं, जो मध्यस्थता में सेवाएं प्रदान करता है। वह भारतीय मध्यस्थों संघ के अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता संस्थान (IMI) के बोर्ड में निदेशक हैं। उन्होंने 2005 में भारत का पहला कोर्ट एनेक्स मध्यस्थता केंद्र स्थापित किया था और मध्यस्थता को भारत की कानूनी प्रणाली का हिस्सा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें “प्रतिष्ठित मध्यस्थ”, “प्रख्यात प्रशिक्षक” और “देश में अग्रणी मध्यस्थों” में से एक के रूप में संदर्भित किया है।
अयोध्या केस की मध्यस्थता करनेवाले तीन तीन लोग
Leave a comment
Leave a comment