नई दिल्ली: बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी अड्डों को तबाह करने के लिए पाकिस्तान में घुसकर की गई एयर स्ट्राइक पर बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को वायु सेना ने केंद्र सरकार को एयर स्ट्राइक से जुड़े सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं। इनमें एयर स्ट्राइक की तस्वीरें भी शामिल हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि किस तरह उनके अधिकतर निशाने सही लगे हैं।
सूत्रों की मानें तो वायु सेना ने सरकार को 12 पेज की रिपोर्ट सौंपी है। इसमें वायु सेना ने बालाकोट के उस क्षेत्र की हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें भी साझा की हैं। हालांकि, यह रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं, इस बात का फैसला मोदी सरकार ही लेगी। वायु सेना की रिपोर्ट के अनुसार बालाकोट में उनके 80 फीसद निशाने सही लगे हैं।
जिन बमों को दागा गया, वे वहां मौजूद इमारतों के सीधे अंदर गए हैं, यही कारण है कि जो भी तबाही हुई है वह अंदर ही हुई है। रिपोर्ट की मानें तो जिन मिसाइलों का इस्तेमाल हुआ है उन्होंने सीधे छत को भेदा और अपने टारगेट पर वार किया। लिहाजा वहां मौजूद सभी टारगेट तबाह हो गए।
अभिनंदन ने ही मार गिराया था एफ-16
27 फरवरी को भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश करने वाले पाकिस्तान के एफ-16 युद्धक विमान को विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने ही अपने मिग-21 बाइसन में लगी आर-73 मिसाइल से मार गिराया था। उनके मिग-21 बाइसन के क्रैश होने से पहले भेजे अंतिम रेडियो संदेश में अभिनंदन ने बताया था कि उन्होंने पाकिस्तानी विमान पर निशाना लगाकर उसे लॉक कर दिया है।
26 फरवरी को हुई थी एयर स्ट्राइक
14 फरवरी को जैश-ए-मुहम्मद ने पुलवामा में आतंकी हमला करवाया था, जिसके खिलाफ भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुसकर जैश-ए-मुहम्मद के ठिकानों को तबाह कर दिया। एयर स्ट्राइक में सेना ने मिराज-2000 का इस्तेमाल किया था। पाकिस्तान लगातार दावा कर रहा था कि उनका कोई नुकसान नहीं हुआ है, सिर्फ कुछ पेड़ ही गिरे हैं।
वायु सेना ने दिया था जवाब
एयर स्ट्राइक के बाद से ही इसके सुबूत सामने रखने की बात हो रही थी। वायुसेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि उनका मिशन पूरी तरह से सफल रहा, ऐसे में सुबूतों को सामने रखने का फैसला सरकार को ही करना है। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कहा था कि अगर पाकिस्तान का कुछ नुकसान नहीं हुआ है तो उनकी वायु सेना हमारे इलाके में क्यों आई और वहां इस तरह की हलचल क्यों है।
जारी है राजनीतिक बयानबाजी
विपक्ष के कई नेता इस बात की मांग कर चुके हैं कि केंद्र सरकार को पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक के सुबूतों को सामने रखना चाहिए। कांग्रेस की ओर से दिग्विजय सिंह, मनीष तिवारी के अलावा राजग घटक दल शिवसेना ने भी एयर स्ट्राइक की सच्चाई को जनता के सामने रखनी की बात कही थी। हालांकि, सरकार और भाजपा की ओर से हर बार कहा गया कि विपक्षी पार्टियां सेना का मनोबल गिराने का काम रही हैं।
एफ-16 ने 40-50 किमी दूर से बनाया था भारतीय विमानों को निशाना
बालाकोट पर भारतीय वायु सेना की एयर स्ट्राइक से तिलमिलाए पाकिस्तान ने 27 फरवरी को भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी। इसके लिए उसने न सिर्फ एफ-16 का उपयोग किया था, बल्कि लगभग 40 से 50 किमी की दूरी से भारत के सुखोई-30 और मिग-21 को निशाना बनाकर चार से पांच अमेरिकी मिसाइलें (अमराम) भी दागी थीं।
पाकिस्तान के पास जितने लड़ाकू विमान हैं उनमें से सिर्फ एफ-16 में ही इस मिसाइल से हवा में हमला करने की क्षमता है। हालांकि पाकिस्तान लगातार इस बात से इन्कार कर रहा है कि उसकी वायु सेना ने एफ-16 का उपयोग किया है। इस दौरान भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ दिया था और एक एफ-16 को मार गिराया था। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान की मंशा भारतीय सैन्य ब्रिगेड को नष्ट करने की थी।
Air Strike: वायु सेना ने सरकार को सौंपे सुबूत, बताया-निशाने पर लगे 80 फीसद बम
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